Directions (Question Nos. 1 to 5): In each of the questions below is given a statement followed by two assumptions numbered I and II. Consider the assumptions and decide which of them is/are implicit in the given statement. |
निर्देश: निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में पहले एक कथन है और उसके नीचे दो पूर्वधारणाएँ I और II दिए गए है। आपको पूर्वधारणाओं पर विचार करके तय करना है कि उनमें से कौन-सा/से दिए गए कथन में निहित है/हैं। |
The International Solar Alliance seeks to bring down the cost of producing solar power. |
Assumption I: Promotion of R & D, particularly in the area of efficient storage systems. |
Assumption II: Member will be legally bound to increase the solar energy generation. |
अन्तर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा गठबंधन, सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत को कम करने की कोशिश करता है |
पूर्वधारणा I : R & D के प्रचार, खासकर कुशल भंडारण प्रणालियों के क्षेत्र में। |
पूर्वधारणा II : सदस्य सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होगें। |
Directions (Question Nos. 1 to 5): In each of the questions below is given a statement followed by two assumptions numbered I and II. Consider the assumptions and decide which of them is/are implicit in the given statement. |
निर्देश: निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में पहले एक कथन है और उसके नीचे दो पूर्वधारणाएँ I और II दिए गए है। आपको पूर्वधारणाओं पर विचार करके तय करना है कि उनमें से कौन-सा/से दिए गए कथन में निहित है/हैं। |
A Physics teacher in the class announced to keep a copy of Concepts of Physics written by H. C. Verma. |
Assumption I: The book is well-written. |
Assumption II: Every student can afford to buy the book. |
कक्षा में एक भौतिक-विज्ञान के शिक्षक ने एच. सी. वर्मा द्वारा लिखित कॉन्सेप्ट्स ऑफ फिजिक्स की एक प्रति रखने के लिए घोषणा की। |
पूर्वधारणा I : किताब अच्छी तरह से लिखी गई है। |
पूर्वधारणा II : प्रत्येक छात्र यह किताब खरीदने में समर्थ है। |
Directions (Question Nos. 1 to 5): In each of the questions below is given a statement followed by two assumptions numbered I and II. Consider the assumptions and decide which of them is/are implicit in the given statement. |
निर्देश: निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में पहले एक कथन है और उसके नीचे दो पूर्वधारणाएँ I और II दिए गए है। आपको पूर्वधारणाओं पर विचार करके तय करना है कि उनमें से कौन-सा/से दिए गए कथन में निहित है/हैं। |
Tuition fee shall be abolished from all government engineering and medical collages. |
Assumption I: Collages have enough financial support from the government. |
Assumption II: All meritorious students shall get free education irrespective of caste, religion and economical background. |
सभी सरकारी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों से शिक्षण शुल्क समाप्त कर दिया जाना चाहिए। |
पूर्वधारणा I : कॉलेजों को सरकार से पर्याप्त वित्तिय सहायता प्राप्त है। |
पूर्वधारणा II : सभी योग्य छात्रों को जाति, धर्म और आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद मूफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए। |
Directions (Question Nos. 1 to 5): In each of the questions below is given a statement followed by two assumptions numbered I and II. Consider the assumptions and decide which of them is/are implicit in the given statement. |
निर्देश: निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में पहले एक कथन है और उसके नीचे दो पूर्वधारणाएँ I और II दिए गए है। आपको पूर्वधारणाओं पर विचार करके तय करना है कि उनमें से कौन-सा/से दिए गए कथन में निहित है/हैं। |
Drastic increase in pollution is now a global phenomenon. |
Assumption I: All countries have realized it and working towards the control. |
Assumption II: Growing population, industries, highways and constructions are beyond control. |
प्रदूषण में भारी वृद्धि अब एक वैश्विक घटना है। पूर्वधारणा I : सभी देशों ने इसे एहसास किया और नियंत्रण की दिशा में काम कर रहे हैं। |
पूर्वधारणा II : बढ़ती आबादी, उद्योग, राजमार्ग और निर्माण अब नियंत्रण से परे हैं। |
Directions (Question Nos. 1 to 5): In each of the questions below is given a statement followed by two assumptions numbered I and II. Consider the assumptions and decide which of them is/are implicit in the given statement. |
निर्देश: निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में पहले एक कथन है और उसके नीचे दो पूर्वधारणाएँ I और II दिए गए है। आपको पूर्वधारणाओं पर विचार करके तय करना है कि उनमें से कौन-सा/से दिए गए कथन में निहित है/हैं। |
Tuberculosis (TB) is pandemic issue now. |
Assumption I: Government should work toward complete eradication of diseases like Polio. |
Assumption II: Tuberculosis is not a serious disease and treatment is available. |
तपेदिक (टी. बी.) अब एक महामारी की तरह है। |
पूर्वधारणा I : पोलियो जैसे रोगों के पूर्ण उन्मूलन के लिए सरकार को काम करना चाहिए। |
पूर्वधारणा II : तपेदिक एक गंभीर बीमारी नहीं है और इसका उपचार उपलब्ध है। |
In a college survey 3/16 students said that they prefer online method to pay their mobile bills 5/8 said they prefer to go to a mobile shop forthe bill payment. The remaining 75 students said they had no clear choice. How many students preferred online method and what is the total number of students? |
एक कॉलेज सर्वेक्षण में 3/16 छात्र ने कहा कि वे अपने मोबाइल बिलों का भुगतान करने के लिए ऑनलाइन विधि पसंद करते हैं 5/8 ने कहा कि वे बिल भुगतान करने के लिए मोबाइल शॉप में जाना पसंद करते हैं। शेष 75 छात्रों ने कहा कि उनकी कोई स्पष्ट पसंद नहीं है। कितने छात्रों ने ऑनलाइन विधि पसंद की और छात्रों की कुल संख्या कितनी है? |
The pair Before: After is correctly related to |
युग्म पहलेः बाद निम्नलिखित में से किससे ठीक से सम्बन्धित है? |
If 1 represents cotton 2 represents plough 3 represents mill 4 represents clothes and 5 represents seed then arrange the given numbers in a meaningful manner. |
यदि 1 कपास का प्रतिनिधित्व करता है 2 हल का प्रतिनिधित्व करता है 3 मिल का प्रतिनिधित्व करता है 4 कपड़े का प्रतिनिधित्व करता है और 5 बीज का प्रतिनिधित्व करता है तो दी गई संख्याओं को सार्थक तरीके से व्यवस्थित करें। |
Find out the correct figure from the multiple choices for the question mark shown below to make the series in order: |
श्रृंखला को क्रम में बनाने के लिए नीचे दिए गए प्रश्न-चिन्ह के लिए दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर खोजेंः |
What number should replace the question mark shown below? |
नीचे दिए गए प्रश्न-चिन्ह को कौन-सी संख्या से बदलना चाहिए? |
Which is the missing square in the following options? |
निम्न विकल्पों में कौन-सा रिक्त वर्ग है? |
Find out how many rectangles are present in the following figure: |
निम्न आकृति में कितने आयत मौजूद हैं? |
Directions: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. |
Availability of pre- and post - natal health care facilities in order to reduce infant mortality and post-delivery deaths among mothers, old age health care, adequate nutrition and safety of individual are some important measures of a healthy and reasonably long life. India has done reasonably well in some of the health indicators like decline in death rate from 25.1 per thousand in 1951 to 8.1 per thousand in 1999, and infant mortality from 148 per thousand to 70 during the same period. Similarly, it also succeeded in increasing life expectancy at birth from 37.1 years to 62.3 years for males and 36.2 years to 65.3 years for females from 1951 to 1999. Though, these are great achievements, a lot needs to be done. Similarly, it has also done reasonably well in bringing down birthrate from 40.8 to 26.1 during the same years, but it still is much higher than that of many developed countries. |
The situation is more alarming when seen in the context of gender specific and rural and urban health indicators. India has recorded declining female sex ratio. The findings of 2001 Census of India are very disturbing particularly in case of child sex ratio between 0-6 age groups. The other significant features of the report are, with the exception of Kerala, the child sex ratio has declined in all the States and it is the most alarming in the developed State of Haryana and Punjab, where it is below 800 female children per thousand male children. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे। प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
एक स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मानक हैं- शिशु मृत्यु दर और माताओं की प्रसवोत्तर मृत्युओं को कम करने के लिए प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य सेवाएँ और व्यक्तिगत पर्याप्त पोषण और सुरक्षा। भारत की यह उपलब्धि रही है कि कुछ मानकों में काफी सुधार हुआ है, जैसे मृत्यु दर सन 1951 में 25-1 प्रतिसहस्त्र से 1999 में 8-1 प्रतिसहस्त्र तक गिरी थी] और इसी अवधि में शिशु मृत्यु दर 148 प्रतिसहस्त्र से 70 हो गई थी। इसी प्रकार जन्म के समय पुरुषों की जीवन प्रत्याशा को 1951 में 37-1 वर्ष से 1999 में 62-3 वर्ष तक और महिलाओं के लिए 36-2 वर्ष से 65-3 वर्ष तक सुधारने में सफल रहा है। हालांकि ये बहुत बड़ी उपलब्धियाँ हैं] अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इस प्रकार इसी अवधि में जन्म दर को 40-8 से 26-1 लाने में सफलता मिली है] परन्तु यह अभी भी कई विकसित देशों से बहुत अधिक है। |
लैंगिक और ग्रामीण तथा शहरी स्वास्थ्य सूचकों के संदर्भ में देखा जाए तो स्थिति और भी चिंताजनक है। भारत में महिला लिंग अनुपात में भारी कमी हुई है। 2001 की जनगणना के निष्कर्ष] विशेष रूप से 0-6 आयु समूह के बीच बाल लिंग अनुपात के विषय में] अत्यंत चिंताजनक हैं। उस विश्लेषण के कुछ अन्य महत्वपूर्ण परिणाम है कि केरल को छोड़कर सभी राज्यों में बाल लिंग अनुपात घट गया है और यह हरियाणा एवं पंजाब जैसे विकसित राज्यों में सबसे अधिक चिंताजनक है] जहाँ यह संख्या 800 बालिकाएँ प्रतिसहस्त्र बालकों तक गिर गया है। |
Which of the following statements is/are true? |
निम्न लिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? |
Directions: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. |
Availability of pre- and post - natal health care facilities in order to reduce infant mortality and post-delivery deaths among mothers, old age health care, adequate nutrition and safety of individual are some important measures of a healthy and reasonably long life. India has done reasonably well in some of the health indicators like decline in death rate from 25.1 per thousand in 1951 to 8.1 per thousand in 1999, and infant mortality from 148 per thousand to 70 during the same period. Similarly, it also succeeded in increasing life expectancy at birth from 37.1 years to 62.3 years for males and 36.2 years to 65.3 years for females from 1951 to 1999. Though, these are great achievements, a lot needs to be done. Similarly, it has also done reasonably well in bringing down birthrate from 40.8 to 26.1 during the same years, but it still is much higher than that of many developed countries. |
The situation is more alarming when seen in the context of gender specific and rural and urban health indicators. India has recorded declining female sex ratio. The findings of 2001 Census of India are very disturbing particularly in case of child sex ratio between 0-6 age groups. The other significant features of the report are, with the exception of Kerala, the child sex ratio has declined in all the States and it is the most alarming in the developed State of Haryana and Punjab, where it is below 800 female children per thousand male children. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे। प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
एक स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मानक हैं- शिशु मृत्यु दर और माताओं की प्रसवोत्तर मृत्युओं को कम करने के लिए प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य सेवाएँ और व्यक्तिगत पर्याप्त पोषण और सुरक्षा। भारत की यह उपलब्धि रही है कि कुछ मानकों में काफी सुधार हुआ है, जैसे मृत्यु दर सन 1951 में 25-1 प्रतिसहस्त्र से 1999 में 8-1 प्रतिसहस्त्र तक गिरी थी] और इसी अवधि में शिशु मृत्यु दर 148 प्रतिसहस्त्र से 70 हो गई थी। इसी प्रकार जन्म के समय पुरुषों की जीवन प्रत्याशा को 1951 में 37-1 वर्ष से 1999 में 62-3 वर्ष तक और महिलाओं के लिए 36-2 वर्ष से 65-3 वर्ष तक सुधारने में सफल रहा है। हालांकि ये बहुत बड़ी उपलब्धियाँ हैं] अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इस प्रकार इसी अवधि में जन्म दर को 40-8 से 26-1 लाने में सफलता मिली है] परन्तु यह अभी भी कई विकसित देशों से बहुत अधिक है। |
लैंगिक और ग्रामीण तथा शहरी स्वास्थ्य सूचकों के संदर्भ में देखा जाए तो स्थिति और भी चिंताजनक है। भारत में महिला लिंग अनुपात में भारी कमी हुई है। 2001 की जनगणना के निष्कर्ष] विशेष रूप से 0-6 आयु समूह के बीच बाल लिंग अनुपात के विषय में] अत्यंत चिंताजनक हैं। उस विश्लेषण के कुछ अन्य महत्वपूर्ण परिणाम है कि केरल को छोड़कर सभी राज्यों में बाल लिंग अनुपात घट गया है और यह हरियाणा एवं पंजाब जैसे विकसित राज्यों में सबसे अधिक चिंताजनक है] जहाँ यह संख्या 800 बालिकाएँ प्रतिसहस्त्र बालकों तक गिर गया है। |
Between 1951 and 1999, the death rate and infant mortality rate have fallen by |
1951 और 1999 के अंतराल में मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी थी, क्रमश : |
Directions: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. |
Availability of pre- and post - natal health care facilities in order to reduce infant mortality and post-delivery deaths among mothers, old age health care, adequate nutrition and safety of individual are some important measures of a healthy and reasonably long life. India has done reasonably well in some of the health indicators like decline in death rate from 25.1 per thousand in 1951 to 8.1 per thousand in 1999, and infant mortality from 148 per thousand to 70 during the same period. Similarly, it also succeeded in increasing life expectancy at birth from 37.1 years to 62.3 years for males and 36.2 years to 65.3 years for females from 1951 to 1999. Though, these are great achievements, a lot needs to be done. Similarly, it has also done reasonably well in bringing down birthrate from 40.8 to 26.1 during the same years, but it still is much higher than that of many developed countries. |
The situation is more alarming when seen in the context of gender specific and rural and urban health indicators. India has recorded declining female sex ratio. The findings of 2001 Census of India are very disturbing particularly in case of child sex ratio between 0-6 age groups. The other significant features of the report are, with the exception of Kerala, the child sex ratio has declined in all the States and it is the most alarming in the developed State of Haryana and Punjab, where it is below 800 female children per thousand male children. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे। प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
एक स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मानक हैं- शिशु मृत्यु दर और माताओं की प्रसवोत्तर मृत्युओं को कम करने के लिए प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य सेवाएँ और व्यक्तिगत पर्याप्त पोषण और सुरक्षा। भारत की यह उपलब्धि रही है कि कुछ मानकों में काफी सुधार हुआ है, जैसे मृत्यु दर सन 1951 में 25-1 प्रतिसहस्त्र से 1999 में 8-1 प्रतिसहस्त्र तक गिरी थी] और इसी अवधि में शिशु मृत्यु दर 148 प्रतिसहस्त्र से 70 हो गई थी। इसी प्रकार जन्म के समय पुरुषों की जीवन प्रत्याशा को 1951 में 37-1 वर्ष से 1999 में 62-3 वर्ष तक और महिलाओं के लिए 36-2 वर्ष से 65-3 वर्ष तक सुधारने में सफल रहा है। हालांकि ये बहुत बड़ी उपलब्धियाँ हैं] अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इस प्रकार इसी अवधि में जन्म दर को 40-8 से 26-1 लाने में सफलता मिली है] परन्तु यह अभी भी कई विकसित देशों से बहुत अधिक है। |
लैंगिक और ग्रामीण तथा शहरी स्वास्थ्य सूचकों के संदर्भ में देखा जाए तो स्थिति और भी चिंताजनक है। भारत में महिला लिंग अनुपात में भारी कमी हुई है। 2001 की जनगणना के निष्कर्ष] विशेष रूप से 0-6 आयु समूह के बीच बाल लिंग अनुपात के विषय में] अत्यंत चिंताजनक हैं। उस विश्लेषण के कुछ अन्य महत्वपूर्ण परिणाम है कि केरल को छोड़कर सभी राज्यों में बाल लिंग अनुपात घट गया है और यह हरियाणा एवं पंजाब जैसे विकसित राज्यों में सबसे अधिक चिंताजनक है] जहाँ यह संख्या 800 बालिकाएँ प्रतिसहस्त्र बालकों तक गिर गया है। |
Consider the following statements on the life expectancy at birth: |
(I) In 1951, it was higher for males than for females, and in 1999, it was lower for males than for females. |
(II) Between 1951 and 1999, it has increased for both males and females. |
Choose the correct answer from the given alternatives. |
जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः |
(I) 1951 में यह पुरुषों के लिए स्त्रियों से अधिक था और 1999 में यह स्त्रियों के लिए पुरुषों से अधिक था |
(II) 1951 से 1999 के अंतराल में यह पुरुषों और स्त्रियों दोनोंके लिए बढ़ा है। |
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिएा। |
Directions: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. |
Availability of pre- and post - natal health care facilities in order to reduce infant mortality and post-delivery deaths among mothers, old age health care, adequate nutrition and safety of individual are some important measures of a healthy and reasonably long life. India has done reasonably well in some of the health indicators like decline in death rate from 25.1 per thousand in 1951 to 8.1 per thousand in 1999, and infant mortality from 148 per thousand to 70 during the same period. Similarly, it also succeeded in increasing life expectancy at birth from 37.1 years to 62.3 years for males and 36.2 years to 65.3 years for females from 1951 to 1999. Though, these are great achievements, a lot needs to be done. Similarly, it has also done reasonably well in bringing down birthrate from 40.8 to 26.1 during the same years, but it still is much higher than that of many developed countries. |
The situation is more alarming when seen in the context of gender specific and rural and urban health indicators. India has recorded declining female sex ratio. The findings of 2001 Census of India are very disturbing particularly in case of child sex ratio between 0-6 age groups. The other significant features of the report are, with the exception of Kerala, the child sex ratio has declined in all the States and it is the most alarming in the developed State of Haryana and Punjab, where it is below 800 female children per thousand male children. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे। प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
एक स्वस्थ और दीर्घ जीवन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मानक हैं- शिशु मृत्यु दर और माताओं की प्रसवोत्तर मृत्युओं को कम करने के लिए प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य सेवाएँ और व्यक्तिगत पर्याप्त पोषण और सुरक्षा। भारत की यह उपलब्धि रही है कि कुछ मानकों में काफी सुधार हुआ है, जैसे मृत्यु दर सन 1951 में 25-1 प्रतिसहस्त्र से 1999 में 8-1 प्रतिसहस्त्र तक गिरी थी] और इसी अवधि में शिशु मृत्यु दर 148 प्रतिसहस्त्र से 70 हो गई थी। इसी प्रकार जन्म के समय पुरुषों की जीवन प्रत्याशा को 1951 में 37-1 वर्ष से 1999 में 62-3 वर्ष तक और महिलाओं के लिए 36-2 वर्ष से 65-3 वर्ष तक सुधारने में सफल रहा है। हालांकि ये बहुत बड़ी उपलब्धियाँ हैं] अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इस प्रकार इसी अवधि में जन्म दर को 40-8 से 26-1 लाने में सफलता मिली है] परन्तु यह अभी भी कई विकसित देशों से बहुत अधिक है। |
लैंगिक और ग्रामीण तथा शहरी स्वास्थ्य सूचकों के संदर्भ में देखा जाए तो स्थिति और भी चिंताजनक है। भारत में महिला लिंग अनुपात में भारी कमी हुई है। 2001 की जनगणना के निष्कर्ष] विशेष रूप से 0-6 आयु समूह के बीच बाल लिंग अनुपात के विषय में] अत्यंत चिंताजनक हैं। उस विश्लेषण के कुछ अन्य महत्वपूर्ण परिणाम है कि केरल को छोड़कर सभी राज्यों में बाल लिंग अनुपात घट गया है और यह हरियाणा एवं पंजाब जैसे विकसित राज्यों में सबसे अधिक चिंताजनक है] जहाँ यह संख्या 800 बालिकाएँ प्रतिसहस्त्र बालकों तक गिर गया है। |
The child sex ratio in Kerala is . that in Punjab. |
केरल में बाल लिंग अनुपात पंजाब ...............है। |
Akash travelled 4 Km straight towards south. He turned left and travelled 6 Km straight, then turned right and travelled 4 Km straight. How far is he from the starting point? |
आकाश ने सीधे दक्षिण की ओर 4 कि. मी. यात्रा की। फिर बाएँ मुड़ कर उसने सीधे 6 कि. मी. की यात्रा की तथा फिर उसने दाई ओर सीधे 4 कि. मी. यात्रा की। अब वह प्रारंभिक बिन्दु से कितनी दूर है? |
A product costing. 60 per unit to produce had been selling at the average rate of 1200 units per month. After the product was improved sales increased to an average of 2000 units per month. However the new product cost five percent more to produce. If the manufacturer's selling price in each instance wast Rs.75 per unit what was he manufacturer's added profit permonth with the newer product? |
उत्पादन हेतु प्रति युनिट Rs.60 की लागत वाली उत्पाद को प्रति माह 1200 युनिट की औसत दर पर बेचा जा रहा था। उत्पाद में सुधार करने के बाद उसी उत्पाद को प्रति माह 2000 युनिट की औसत दर से बेचा गया। हालांकि नए उत्पाद को बनाने में पाँच प्रतिशत और अधिक खर्च हुआ। अगर प्रत्येक बार निर्माता द्वारा तय की गई बिक्री का मूल्य प्रति युनिट Rs.75 था तो नए उत्पाद के साथ प्रति माह निर्माता को अतिरिक्त लाभ कितना हुआ? |
In an industry 10% of the employees have a salary of Rs.20 000; 30% a salary of Rs.25 000; 50% a salary of Rs.30 000; 10% a salary of Rs.40 000. What is the average salary? |
एक करखाने में 10% कर्मचारियों का वेतन Rs.20 000 है; 30% कर्मचारियों का वेतन Rs.25 000 है; 50% कर्मचारियों का वेतन Rs.30 000 है; 10% कर्मचारियों का वेतन Rs.40 000 है। औसत वेतन कितना है? |
Aman Anil and AtuI agree to buy Rs.10 worth of lottery ticket with Aman contribution Rs.5 Anil Rs.3 and Atul Rs.2. They agree that if they win anything with this ticket it should be shared out in the same ratio as their contributions. If they win Rs.25 000 how much does Anil get? |
अमन अनिल और अतुल Rs.10 की लॉटरी टिकट खरीदने के लिए सहमत है। अमन Rs.5 अनिल Rs.3 और अतुल Rs.2 रूपये का योगदान करता है। वे इस बात पर सहमत हैं कि यदि वे इस टिकट के साथ कुछ भी जीतते हैं तो उनके योगदान के समान अनुपात में इसे साझा किया जाएगा। अगर वे Rs.25000 जीतते हैं तो अनिल को कितने रूपये मिलते हैं? |
Ravi has one and a half times as many as Raj and Raj has one and a half times as many as Rakesh. Altogether they have Rs.76 000. How much Raj has? |
रवि के पास राज से डेढ़ गुना पैसा है और राज के पास राकेश से डेढ़ गुना पैसा है। कुल मिलाकर उनके पास Rs.76 000 हैं तो राज के पास कितने रूपए हैं? |
If a person has to drive 210 km how long will the journey take if he drives at an average speed of 20 km/hr for 120 km and at an average speed of 30 km/hr for 90 km and have a 60 minutes stop for refreshments midway through the journey? |
किसी व्यक्ति को 210 कि.मी. वाहन चलाना है। यदि वह 120 कि.मी. औसत 20 कि.मी./घंटा की रफ्तार से तथा 90 कि. मी. औसत 30 कि. मी./घंटा की रफ्तार से वाहन चलाता है और यात्रा के मध्य में नाश्ते के लिए 60 मिनट रुकता है तो वह कुल दूरी कितनी देर में तय कर लेगा? |
Directions: For each of the following words a context is provided. From the alternatives pick the word/phrase that is closest in meaning to the given context. |
निर्देश: निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्येक के लिए एक संदर्भ प्रदान किया गया है। दिए गए विकल्पों में से वह शब्द/वाक्यांश चुनें जो तत्सम्बधित संदर्भ में शब्द के अर्थ में सबसे निकट है। |
Incorrigible: Even after spending a year in jail the main remained incorrigible. |
असुधार्यः जेल में एक साल बिताने के बाद भी वह आदमी असुधार्य रहा। |
Directions: For each of the following words a context is provided. From the alternatives pick the word/phrase that is closest in meaning to the given context. |
निर्देश: निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्येक के लिए एक संदर्भ प्रदान किया गया है। दिए गए विकल्पों में से वह शब्द/वाक्यांश चुनें जो तत्सम्बधित संदर्भ में शब्द के अर्थ में सबसे निकट है। |
Disheveled: After long working hours the police officer looked tired and disheveled. |
बेतरतीबः लम्बे समय तक काम करने के बाद पुलिस अधिकारी थक गया और बेतरतीब हो गया। |
Directions: For each of the following words a context is provided. From the alternatives pick the word/phrase that is closest in meaning to the given context. |
निर्देश: निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्येक के लिए एक संदर्भ प्रदान किया गया है। दिए गए विकल्पों में से वह शब्द/वाक्यांश चुनें जो तत्सम्बधित संदर्भ में शब्द के अर्थ में सबसे निकट है। |
Audacious: with a audicious disregard for innocent bystanders the-police opened fire at the criminals. |
उपेक्षापूर्णः निर्दोष दर्शकों की उपेक्षा करते हुए पुलिस ने अपराधियों पर गोलीबारी की। |
Directions: Fill in the blank with the most suitable choice. |
निर्देश: सबसे उपयुक्त विकल्प के साथ रिक्त स्थान भरें। |
While writing an apology letter, one should focus primarily on_________. |
माफी पत्र लिखते समय, आपको मुख्य रूप से ............... पर ध्यान देना चाहिए। |
Directions: Fill in the blank with the most suitable choice. |
निर्देश: सबसे उपयुक्त विकल्प के साथ रिक्त स्थान भरें। |
It is impossible to interact with each other without |
............... के बिना एक-दूसरे के साथ संवाद करना असंभव है। |
Directions: Fill in the blank with the most suitable choice. |
निर्देश: सबसे उपयुक्त विकल्प के साथ रिक्त स्थान भरें। |
is a techinque that involves changing of text content such that the gist is similar to the source. |
............... एक ऐसी तकनीक है, जिसमें पाठ सामग्री में बदलाव शामिल होता है, जबकि पाठ सामग्री का सार समान रहे। |
Direction: There is same relationship between the information given on both sides of the (::). Find the most appropriate choice for the missing information in these Questions. |
निर्देश: निम्नलिखित में (: :) के दोनेां तरफ दी गई जानकारी के बीच समान संबंध है। इन सवालों में अनुपलब्ध जानकारी के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प खोजे। |
16 : 64 :: 40 : ? |
Direction: There is same relationship between the information given on both sides of the (::). Find the most appropriate choice for the missing information in these Questions. |
निर्देश: निम्नलिखित में (: :) के दोनेां तरफ दी गई जानकारी के बीच समान संबंध है। इन सवालों में अनुपलब्ध जानकारी के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प खोजे। |
PITY : 35 :: NOTE : ? |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end The answers to the questions should be based on the excerpt The Lok Sabha is composed of representatives of people chosen by direct election on the basis of Universal Adult Suffrage. The maximum strength of the House is 552 members-530 members to representthe states, 20 members to represent the Union Territories and 2 members to be nominated by the President from the Anglo-Indian Community. At present, the strength of the House is 545 The term of the Lok Sabha, unless dissolved, is five years from the data appointed for its first meeting. However, while a proclamation of emergency is in operation, this period may be extended by the Parliament by law for a period not exceeding one year at a time and not extending in any case beyond a period of six months after the proclamation has ceased to operate. After every Lok Sabha election, the President mvites the political party or alliance of parties that has the majority of new elected members to form the |
Government. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांक को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें । इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए लोगों के प्रतिनिधियों से बना है। सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है - राज्यों के प्रतिनिधित्व के लिए 530 सदस्य, केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के लिए 20 सदस्य और राष्ट्रपति द्वारा नामित ऐंग्लोभारतीय समुदाय के 2 सदस्य । वर्तमान में, सदन में सदस्यों की संख्या 545 है । लोक सभा की अवधि, जब तक भंग नहीं हो जाती, अपनी पहली बैठक के लिए नियत तिथि से पाँच वर्ष है। हालाँकि, जब देश में आपातकाल की स्थिति लागू हो, तो इस अवधि को संसद द्वारा नियम पारित करने के उपरांत एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं नहीं बढ़ाया जा सकता है । प्रत्येक लोक सभा चुनाव के उपरांत, राष्ट्रपति उस राजनीतिक दल या दलों के गठबंधन को आमंत्रित करते हैं, जिसके पास सरकार बनाने के लिए नए चुने गए सदस्यों का बहुमत हो। |
1 ne current and maximum strength of the Lok Sabha are respectively. |
लोकसभा में वर्तमान में सदस्यों की संख्या और अधिकतम सदस्यों की संख्या हैं, क्रमश: |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end The answers to the questions should be based on the excerpt The Lok Sabha is composed of representatives of people chosen by direct election on the basis of Universal Adult Suffrage. The maximum strength of the House is 552 members-530 members to representthe states, 20 members to represent the Union Territories and 2 members to be nominated by the President from the Anglo-Indian Community. At present, the strength of the House is 545 The term of the Lok Sabha, unless dissolved, is five years from the data appointed for its first meeting. However, while a proclamation of emergency is in operation, this period may be extended by the Parliament by law for a period not exceeding one year at a time and not extending in any case beyond a period of six months after the proclamation has ceased to operate. After every Lok Sabha election, the President mvites the political party or alliance of parties that has the majority of new elected members to form the |
Government. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांक को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें । इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए लोगों के प्रतिनिधियों से बना है। सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है - राज्यों के प्रतिनिधित्व के लिए 530 सदस्य, केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के लिए 20 सदस्य और राष्ट्रपति द्वारा नामित ऐंग्लोभारतीय समुदाय के 2 सदस्य । वर्तमान में, सदन में सदस्यों की संख्या 545 है । लोक सभा की अवधि, जब तक भंग नहीं हो जाती, अपनी पहली बैठक के लिए नियत तिथि से पाँच वर्ष है। हालाँकि, जब देश में आपातकाल की स्थिति लागू हो, तो इस अवधि को संसद द्वारा नियम पारित करने के उपरांत एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं नहीं बढ़ाया जा सकता है । प्रत्येक लोक सभा चुनाव के उपरांत, राष्ट्रपति उस राजनीतिक दल या दलों के गठबंधन को आमंत्रित करते हैं, जिसके पास सरकार बनाने के लिए नए चुने गए सदस्यों का बहुमत हो। |
The number of members of the Lok Sabha chosen by direct election is currently. |
प्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने गए लोक सभा के सदस्यों की संख्या वर्तमान में हैं |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end The answers to the questions should be based on the excerpt The Lok Sabha is composed of representatives of people chosen by direct election on the basis of Universal Adult Suffrage. The maximum strength of the House is 552 members-530 members to representthe states, 20 members to represent the Union Territories and 2 members to be nominated by the President from the Anglo-Indian Community. At present, the strength of the House is 545 The term of the Lok Sabha, unless dissolved, is five years from the data appointed for its first meeting. However, while a proclamation of emergency is in operation, this period may be extended by the Parliament by law for a period not exceeding one year at a time and not extending in any case beyond a period of six months after the proclamation has ceased to operate. After every Lok Sabha election, the President mvites the political party or alliance of parties that has the majority of new elected members to form the |
Government. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांक को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें । इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए लोगों के प्रतिनिधियों से बना है। सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है - राज्यों के प्रतिनिधित्व के लिए 530 सदस्य, केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के लिए 20 सदस्य और राष्ट्रपति द्वारा नामित ऐंग्लोभारतीय समुदाय के 2 सदस्य । वर्तमान में, सदन में सदस्यों की संख्या 545 है । लोक सभा की अवधि, जब तक भंग नहीं हो जाती, अपनी पहली बैठक के लिए नियत तिथि से पाँच वर्ष है। हालाँकि, जब देश में आपातकाल की स्थिति लागू हो, तो इस अवधि को संसद द्वारा नियम पारित करने के उपरांत एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं नहीं बढ़ाया जा सकता है । प्रत्येक लोक सभा चुनाव के उपरांत, राष्ट्रपति उस राजनीतिक दल या दलों के गठबंधन को आमंत्रित करते हैं, जिसके पास सरकार बनाने के लिए नए चुने गए सदस्यों का बहुमत हो। |
Which of the following statements is true? |
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end The answers to the questions should be based on the excerpt The Lok Sabha is composed of representatives of people chosen by direct election on the basis of Universal Adult Suffrage. The maximum strength of the House is 552 members-530 members to representthe states, 20 members to represent the Union Territories and 2 members to be nominated by the President from the Anglo-Indian Community. At present, the strength of the House is 545 The term of the Lok Sabha, unless dissolved, is five years from the data appointed for its first meeting. However, while a proclamation of emergency is in operation, this period may be extended by the Parliament by law for a period not exceeding one year at a time and not extending in any case beyond a period of six months after the proclamation has ceased to operate. After every Lok Sabha election, the President mvites the political party or alliance of parties that has the majority of new elected members to form the |
Government. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांक को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें । इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए लोगों के प्रतिनिधियों से बना है। सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है - राज्यों के प्रतिनिधित्व के लिए 530 सदस्य, केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के लिए 20 सदस्य और राष्ट्रपति द्वारा नामित ऐंग्लोभारतीय समुदाय के 2 सदस्य । वर्तमान में, सदन में सदस्यों की संख्या 545 है । लोक सभा की अवधि, जब तक भंग नहीं हो जाती, अपनी पहली बैठक के लिए नियत तिथि से पाँच वर्ष है। हालाँकि, जब देश में आपातकाल की स्थिति लागू हो, तो इस अवधि को संसद द्वारा नियम पारित करने के उपरांत एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं नहीं बढ़ाया जा सकता है । प्रत्येक लोक सभा चुनाव के उपरांत, राष्ट्रपति उस राजनीतिक दल या दलों के गठबंधन को आमंत्रित करते हैं, जिसके पास सरकार बनाने के लिए नए चुने गए सदस्यों का बहुमत हो। |
While a proclamation of emergency is in operation, the term of the LokSabha can be extended. |
जब आपातकाल की घोषणा लागू हो, तो लोक सभा के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end The answers to the questions should be based on the excerpt The Lok Sabha is composed of representatives of people chosen by direct election on the basis of Universal Adult Suffrage. The maximum strength of the House is 552 members-530 members to representthe states, 20 members to represent the Union Territories and 2 members to be nominated by the President from the Anglo-Indian Community. At present, the strength of the House is 545 The term of the Lok Sabha, unless dissolved, is five years from the data appointed for its first meeting. However, while a proclamation of emergency is in operation, this period may be extended by the Parliament by law for a period not exceeding one year at a time and not extending in any case beyond a period of six months after the proclamation has ceased to operate. After every Lok Sabha election, the President mvites the political party or alliance of parties that has the majority of new elected members to form the |
Government. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांक को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें । इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए लोगों के प्रतिनिधियों से बना है। सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 है - राज्यों के प्रतिनिधित्व के लिए 530 सदस्य, केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के लिए 20 सदस्य और राष्ट्रपति द्वारा नामित ऐंग्लोभारतीय समुदाय के 2 सदस्य । वर्तमान में, सदन में सदस्यों की संख्या 545 है । लोक सभा की अवधि, जब तक भंग नहीं हो जाती, अपनी पहली बैठक के लिए नियत तिथि से पाँच वर्ष है। हालाँकि, जब देश में आपातकाल की स्थिति लागू हो, तो इस अवधि को संसद द्वारा नियम पारित करने के उपरांत एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं नहीं बढ़ाया जा सकता है । प्रत्येक लोक सभा चुनाव के उपरांत, राष्ट्रपति उस राजनीतिक दल या दलों के गठबंधन को आमंत्रित करते हैं, जिसके पास सरकार बनाने के लिए नए चुने गए सदस्यों का बहुमत हो। |
Based on the excerpt above, which of the following is true? |
उपर्युक्त लेखांश के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-सा सही है? |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. Any economy can be divided into three sectors, namely agriculture, industry and services, based on the nature of productive activity, India's economy at the time of independence was dominated by agriculture contributing 52% to the gross domestic product, followed by services with 34% and industry with 14%. In the nearly 70 years since that time, the structure of the economy has changed dramatically, with agriculture now contributing only 17%, Industry 29% and services 54%. Thus, the Indian economy has transformed from an agriculture-driven to a services- driven economy. A high share of services in the economy and a corresponding low share of agriuclture is typically a sign of a developed economy. While this is true of the Indian economy as well, India can be cosiderred only a developing economy as the services sector in India is largely composed of low productivity, manual labour activity, rather than hightechnology value-added services. Most developed countries have transitioned form agricultural economies to idustrialized ones, and only then moved to servicesdominate economies. Large-scale industrialization helped absorb the large labour force from agriculture that became unemployed or under-employed because of rising productivity. However, in India, the contribution of industry 'has grown only from 14% to 29% and thus the surplus labour force was forced to transition to low-paying jobs in the services sector. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
किसी भी अर्थव्यवस्था को उत्पादक गतिविधि की प्रकृति के आधार पर तीन क्षेत्रों में अर्थात कृषि, उद्योग और सेवाओं में विभाजित किया जा सकता है। स्वतंत्रता पाने के अवसर पर, भारत की अर्थव्यस्था में कृषि के योगदान का प्रभुत्व था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 52% था, इसके बाद सेवाओं का योगदान 34% था और उद्योग का 14% था। तब से गत 70 वर्षों में, अर्थव्यस्था की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है और अब कृषि का योगदान मात्र 17% उद्योग का 29% और सेवाओं का 54% रह गया है। इस प्रकार भारत एक कृषि-संचालित अर्थव्यवस्था से एक सेवा-संचालित अर्थव्यवस्था बन |
गया है। सामान्यतः एक अर्थव्यवस्था में कृषि के कम योगदान की तुलना में सेवाओं का योगदान अधिक होना एक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्षण हैं। |
यह मानक भारतीय अर्थव्यवस्था के विषय में मान्य है, परन्तु भारत को केवल एक विकासशील अर्थव्यवस्था माना जा सकता है, क्योंकि भारत में सेवा क्षेत्र का अधिकतम भाग निम्न उत्पादकता, श्रमिक सेवाओं से बना है, उच्च प्रौद्योगिकी मूल्यवर्धक सेवाओं से नहीं। |
अधिकांश विकसित देशों का कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्थाओं से औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन हुआ, और उसके पश्चात् ही सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था बने। इन देशों में कृषि क्षेत्र में बढ़ती उत्पादकता के कारण बेरोजगार या अल्प रोजगार वाले श्रमिकों को बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण होने से रोजगार के अवसर मिले। अपितु, भारत में, उद्योग के योगदान में केवल 14% से 29% की वृद्धि हुई है, और इस कारण अतिरिक्त श्रमिकों को कृषि से हटकर कम आय देने वाली सेवाओं में रोजगार लेने को विवष होना पड़ा है। |
The share of agriculture in the gross domestic product between the time of independence and now has |
स्वतंत्रता के समय से वर्तमान तक सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. Any economy can be divided into three sectors, namely agriculture, industry and services, based on the nature of productive activity, India's economy at the time of independence was dominated by agriculture contributing 52% to the gross domestic product, followed by services with 34% and industry with 14%. In the nearly 70 years since that time, the structure of the economy has changed dramatically, with agriculture now contributing only 17%, Industry 29% and services 54%. Thus, the Indian economy has transformed from an agriculture-driven to a services- driven economy. A high share of services in the economy and a corresponding low share of agriuclture is typically a sign of a developed economy. While this is true of the Indian economy as well, India can be cosiderred only a developing economy as the services sector in India is largely composed of low productivity, manual labour activity, rather than hightechnology value-added services. Most developed countries have transitioned form agricultural economies to idustrialized ones, and only then moved to servicesdominate economies. Large-scale industrialization helped absorb the large labour force from agriculture that became unemployed or under-employed because of rising productivity. However, in India, the contribution of industry 'has grown only from 14% to 29% and thus the surplus labour force was forced to transition to low-paying jobs in the services sector. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
किसी भी अर्थव्यवस्था को उत्पादक गतिविधि की प्रकृति के आधार पर तीन क्षेत्रों में अर्थात कृषि, उद्योग और सेवाओं में विभाजित किया जा सकता है। स्वतंत्रता पाने के अवसर पर, भारत की अर्थव्यस्था में कृषि के योगदान का प्रभुत्व था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 52% था, इसके बाद सेवाओं का योगदान 34% था और उद्योग का 14% था। तब से गत 70 वर्षों में, अर्थव्यस्था की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है और अब कृषि का योगदान मात्र 17% उद्योग का 29% और सेवाओं का 54% रह गया है। इस प्रकार भारत एक कृषि-संचालित अर्थव्यवस्था से एक सेवा-संचालित अर्थव्यवस्था बन |
गया है। सामान्यतः एक अर्थव्यवस्था में कृषि के कम योगदान की तुलना में सेवाओं का योगदान अधिक होना एक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्षण हैं। |
यह मानक भारतीय अर्थव्यवस्था के विषय में मान्य है, परन्तु भारत को केवल एक विकासशील अर्थव्यवस्था माना जा सकता है, क्योंकि भारत में सेवा क्षेत्र का अधिकतम भाग निम्न उत्पादकता, श्रमिक सेवाओं से बना है, उच्च प्रौद्योगिकी मूल्यवर्धक सेवाओं से नहीं। |
अधिकांश विकसित देशों का कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्थाओं से औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन हुआ, और उसके पश्चात् ही सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था बने। इन देशों में कृषि क्षेत्र में बढ़ती उत्पादकता के कारण बेरोजगार या अल्प रोजगार वाले श्रमिकों को बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण होने से रोजगार के अवसर मिले। अपितु, भारत में, उद्योग के योगदान में केवल 14% से 29% की वृद्धि हुई है, और इस कारण अतिरिक्त श्रमिकों को कृषि से हटकर कम आय देने वाली सेवाओं में रोजगार लेने को विवष होना पड़ा है। |
Which of the following statements is true? |
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. Any economy can be divided into three sectors, namely agriculture, industry and services, based on the nature of productive activity, India's economy at the time of independence was dominated by agriculture contributing 52% to the gross domestic product, followed by services with 34% and industry with 14%. In the nearly 70 years since that time, the structure of the economy has changed dramatically, with agriculture now contributing only 17%, Industry 29% and services 54%. Thus, the Indian economy has transformed from an agriculture-driven to a services- driven economy. A high share of services in the economy and a corresponding low share of agriuclture is typically a sign of a developed economy. While this is true of the Indian economy as well, India can be cosiderred only a developing economy as the services sector in India is largely composed of low productivity, manual labour activity, rather than hightechnology value-added services. Most developed countries have transitioned form agricultural economies to idustrialized ones, and only then moved to servicesdominate economies. Large-scale industrialization helped absorb the large labour force from agriculture that became unemployed or under-employed because of rising productivity. However, in India, the contribution of industry 'has grown only from 14% to 29% and thus the surplus labour force was forced to transition to low-paying jobs in the services sector. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
किसी भी अर्थव्यवस्था को उत्पादक गतिविधि की प्रकृति के आधार पर तीन क्षेत्रों में अर्थात कृषि, उद्योग और सेवाओं में विभाजित किया जा सकता है। स्वतंत्रता पाने के अवसर पर, भारत की अर्थव्यस्था में कृषि के योगदान का प्रभुत्व था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 52% था, इसके बाद सेवाओं का योगदान 34% था और उद्योग का 14% था। तब से गत 70 वर्षों में, अर्थव्यस्था की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है और अब कृषि का योगदान मात्र 17% उद्योग का 29% और सेवाओं का 54% रह गया है। इस प्रकार भारत एक कृषि-संचालित अर्थव्यवस्था से एक सेवा-संचालित अर्थव्यवस्था बन |
गया है। सामान्यतः एक अर्थव्यवस्था में कृषि के कम योगदान की तुलना में सेवाओं का योगदान अधिक होना एक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्षण हैं। |
यह मानक भारतीय अर्थव्यवस्था के विषय में मान्य है, परन्तु भारत को केवल एक विकासशील अर्थव्यवस्था माना जा सकता है, क्योंकि भारत में सेवा क्षेत्र का अधिकतम भाग निम्न उत्पादकता, श्रमिक सेवाओं से बना है, उच्च प्रौद्योगिकी मूल्यवर्धक सेवाओं से नहीं। |
अधिकांश विकसित देशों का कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्थाओं से औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन हुआ, और उसके पश्चात् ही सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था बने। इन देशों में कृषि क्षेत्र में बढ़ती उत्पादकता के कारण बेरोजगार या अल्प रोजगार वाले श्रमिकों को बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण होने से रोजगार के अवसर मिले। अपितु, भारत में, उद्योग के योगदान में केवल 14% से 29% की वृद्धि हुई है, और इस कारण अतिरिक्त श्रमिकों को कृषि से हटकर कम आय देने वाली सेवाओं में रोजगार लेने को विवष होना पड़ा है। |
Which of the following is true of the service sector in the Indian economy? |
भारतीय अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र के सन्दर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा सही है? |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. Any economy can be divided into three sectors, namely agriculture, industry and services, based on the nature of productive activity, India's economy at the time of independence was dominated by agriculture contributing 52% to the gross domestic product, followed by services with 34% and industry with 14%. In the nearly 70 years since that time, the structure of the economy has changed dramatically, with agriculture now contributing only 17%, Industry 29% and services 54%. Thus, the Indian economy has transformed from an agriculture-driven to a services- driven economy. A high share of services in the economy and a corresponding low share of agriuclture is typically a sign of a developed economy. While this is true of the Indian economy as well, India can be cosiderred only a developing economy as the services sector in India is largely composed of low productivity, manual labour activity, rather than hightechnology value-added services. Most developed countries have transitioned form agricultural economies to idustrialized ones, and only then moved to servicesdominate economies. Large-scale industrialization helped absorb the large labour force from agriculture that became unemployed or under-employed because of rising productivity. However, in India, the contribution of industry 'has grown only from 14% to 29% and thus the surplus labour force was forced to transition to low-paying jobs in the services sector. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
किसी भी अर्थव्यवस्था को उत्पादक गतिविधि की प्रकृति के आधार पर तीन क्षेत्रों में अर्थात कृषि, उद्योग और सेवाओं में विभाजित किया जा सकता है। स्वतंत्रता पाने के अवसर पर, भारत की अर्थव्यस्था में कृषि के योगदान का प्रभुत्व था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 52% था, इसके बाद सेवाओं का योगदान 34% था और उद्योग का 14% था। तब से गत 70 वर्षों में, अर्थव्यस्था की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है और अब कृषि का योगदान मात्र 17% उद्योग का 29% और सेवाओं का 54% रह गया है। इस प्रकार भारत एक कृषि-संचालित अर्थव्यवस्था से एक सेवा-संचालित अर्थव्यवस्था बन |
गया है। सामान्यतः एक अर्थव्यवस्था में कृषि के कम योगदान की तुलना में सेवाओं का योगदान अधिक होना एक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्षण हैं। |
यह मानक भारतीय अर्थव्यवस्था के विषय में मान्य है, परन्तु भारत को केवल एक विकासशील अर्थव्यवस्था माना जा सकता है, क्योंकि भारत में सेवा क्षेत्र का अधिकतम भाग निम्न उत्पादकता, श्रमिक सेवाओं से बना है, उच्च प्रौद्योगिकी मूल्यवर्धक सेवाओं से नहीं। |
अधिकांश विकसित देशों का कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्थाओं से औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन हुआ, और उसके पश्चात् ही सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था बने। इन देशों में कृषि क्षेत्र में बढ़ती उत्पादकता के कारण बेरोजगार या अल्प रोजगार वाले श्रमिकों को बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण होने से रोजगार के अवसर मिले। अपितु, भारत में, उद्योग के योगदान में केवल 14% से 29% की वृद्धि हुई है, और इस कारण अतिरिक्त श्रमिकों को कृषि से हटकर कम आय देने वाली सेवाओं में रोजगार लेने को विवष होना पड़ा है। |
Indian is still considered a developing economy because |
भारत को अभी भी एक विकासशील अर्थव्यवस्था माना जाता है, क्योंकि |
Direction: Read the following excerpt and answer the questions asked at the end. The answers to the questions should be based on the excerpt. Any economy can be divided into three sectors, namely agriculture, industry and services, based on the nature of productive activity, India's economy at the time of independence was dominated by agriculture contributing 52% to the gross domestic product, followed by services with 34% and industry with 14%. In the nearly 70 years since that time, the structure of the economy has changed dramatically, with agriculture now contributing only 17%, Industry 29% and services 54%. Thus, the Indian economy has transformed from an agriculture-driven to a services- driven economy. A high share of services in the economy and a corresponding low share of agriuclture is typically a sign of a developed economy. While this is true of the Indian economy as well, India can be cosiderred only a developing economy as the services sector in India is largely composed of low productivity, manual labour activity, rather than hightechnology value-added services. Most developed countries have transitioned form agricultural economies to idustrialized ones, and only then moved to servicesdominate economies. Large-scale industrialization helped absorb the large labour force from agriculture that became unemployed or under-employed because of rising productivity. However, in India, the contribution of industry 'has grown only from 14% to 29% and thus the surplus labour force was forced to transition to low-paying jobs in the services sector. |
निर्देश: निम्नलिखित लेखांश को पढ़े और अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। इन प्रश्नों के उत्तर लेखांश पर आधारित होने चाहिए। |
किसी भी अर्थव्यवस्था को उत्पादक गतिविधि की प्रकृति के आधार पर तीन क्षेत्रों में अर्थात कृषि, उद्योग और सेवाओं में विभाजित किया जा सकता है। स्वतंत्रता पाने के अवसर पर, भारत की अर्थव्यस्था में कृषि के योगदान का प्रभुत्व था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 52% था, इसके बाद सेवाओं का योगदान 34% था और उद्योग का 14% था। तब से गत 70 वर्षों में, अर्थव्यस्था की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है और अब कृषि का योगदान मात्र 17% उद्योग का 29% और सेवाओं का 54% रह गया है। इस प्रकार भारत एक कृषि-संचालित अर्थव्यवस्था से एक सेवा-संचालित अर्थव्यवस्था बन |
गया है। सामान्यतः एक अर्थव्यवस्था में कृषि के कम योगदान की तुलना में सेवाओं का योगदान अधिक होना एक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्षण हैं। |
यह मानक भारतीय अर्थव्यवस्था के विषय में मान्य है, परन्तु भारत को केवल एक विकासशील अर्थव्यवस्था माना जा सकता है, क्योंकि भारत में सेवा क्षेत्र का अधिकतम भाग निम्न उत्पादकता, श्रमिक सेवाओं से बना है, उच्च प्रौद्योगिकी मूल्यवर्धक सेवाओं से नहीं। |
अधिकांश विकसित देशों का कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्थाओं से औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन हुआ, और उसके पश्चात् ही सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था बने। इन देशों में कृषि क्षेत्र में बढ़ती उत्पादकता के कारण बेरोजगार या अल्प रोजगार वाले श्रमिकों को बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण होने से रोजगार के अवसर मिले। अपितु, भारत में, उद्योग के योगदान में केवल 14% से 29% की वृद्धि हुई है, और इस कारण अतिरिक्त श्रमिकों को कृषि से हटकर कम आय देने वाली सेवाओं में रोजगार लेने को विवष होना पड़ा है। |
Which of the following can be concluded from the information provided in the excerpt? |
लेखांश के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-सा निष्कर्ष निकाला जा सकता है? |
Consider the following: |
निम्न पर विचार करेः |
Find the missing number: |
लुप्त संख्या ज्ञात करें। |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसी कारण, यह पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए; क्योंकि अपनी इस ग्रहण शक्ति से हिन्दी अपनी वृद्धि कर रही है, हास नहीं। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढ़ेगा, त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की विशुद्धता के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह विभिन्न जातियों के पारस्परिक संपर्क को न होने दे या भाषाओं की सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे? यह कभी सम्भव नहीं। उपर्युक्त प्रक्रियाएँ स्वाभाविक हैं। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण हमारी भाषा अपने स्वरूप को तो नष्ट नहीं कर रही-कहीं अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के मिश्रण से अपना रूप तो विकृत नहीं कर रही। अभिप्राय यह है कि दूसरी भाषाओं के शब्द, मुहावरे आदि ग्रहण करने पर भी हिन्दी, हिन्दी ही बनी रही है या नहीं, बिगड़कर कहीं वह कुछ और तो नहीं होती जा रही है? |
इस अवतरण का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसी कारण, यह पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए; क्योंकि अपनी इस ग्रहण शक्ति से हिन्दी अपनी वृद्धि कर रही है, हास नहीं। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढ़ेगा, त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की विशुद्धता के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह विभिन्न जातियों के पारस्परिक संपर्क को न होने दे या भाषाओं की सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे? यह कभी सम्भव नहीं। उपर्युक्त प्रक्रियाएँ स्वाभाविक हैं। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण हमारी भाषा अपने स्वरूप को तो नष्ट नहीं कर रही-कहीं अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के मिश्रण से अपना रूप तो विकृत नहीं कर रही। अभिप्राय यह है कि दूसरी भाषाओं के शब्द, मुहावरे आदि ग्रहण करने पर भी हिन्दी, हिन्दी ही बनी रही है या नहीं, बिगड़कर कहीं वह कुछ और तो नहीं होती जा रही है? |
हिन्दी में नये शब्दों को अपनाते समय किस बात को ध्यान में रखना चाहिए? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसी कारण, यह पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए; क्योंकि अपनी इस ग्रहण शक्ति से हिन्दी अपनी वृद्धि कर रही है, हास नहीं। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढ़ेगा, त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की विशुद्धता के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह विभिन्न जातियों के पारस्परिक संपर्क को न होने दे या भाषाओं की सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे? यह कभी सम्भव नहीं। उपर्युक्त प्रक्रियाएँ स्वाभाविक हैं। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण हमारी भाषा अपने स्वरूप को तो नष्ट नहीं कर रही-कहीं अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के मिश्रण से अपना रूप तो विकृत नहीं कर रही। अभिप्राय यह है कि दूसरी भाषाओं के शब्द, मुहावरे आदि ग्रहण करने पर भी हिन्दी, हिन्दी ही बनी रही है या नहीं, बिगड़कर कहीं वह कुछ और तो नहीं होती जा रही है? |
हिन्दी में नए शब्दों का आगमन क्यों उचित है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसी कारण, यह पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए; क्योंकि अपनी इस ग्रहण शक्ति से हिन्दी अपनी वृद्धि कर रही है, हास नहीं। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढ़ेगा, त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की विशुद्धता के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह विभिन्न जातियों के पारस्परिक संपर्क को न होने दे या भाषाओं की सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे? यह कभी सम्भव नहीं। उपर्युक्त प्रक्रियाएँ स्वाभाविक हैं। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण हमारी भाषा अपने स्वरूप को तो नष्ट नहीं कर रही-कहीं अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के मिश्रण से अपना रूप तो विकृत नहीं कर रही। अभिप्राय यह है कि दूसरी भाषाओं के शब्द, मुहावरे आदि ग्रहण करने पर भी हिन्दी, हिन्दी ही बनी रही है या नहीं, बिगड़कर कहीं वह कुछ और तो नहीं होती जा रही है? |
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसी कारण, यह पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए; क्योंकि अपनी इस ग्रहण शक्ति से हिन्दी अपनी वृद्धि कर रही है, हास नहीं। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढ़ेगा, त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की विशुद्धता के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह विभिन्न जातियों के पारस्परिक संपर्क को न होने दे या भाषाओं की सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे? यह कभी सम्भव नहीं। उपर्युक्त प्रक्रियाएँ स्वाभाविक हैं। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण हमारी भाषा अपने स्वरूप को तो नष्ट नहीं कर रही-कहीं अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के मिश्रण से अपना रूप तो विकृत नहीं कर रही। अभिप्राय यह है कि दूसरी भाषाओं के शब्द, मुहावरे आदि ग्रहण करने पर भी हिन्दी, हिन्दी ही बनी रही है या नहीं, बिगड़कर कहीं वह कुछ और तो नहीं होती जा रही है? |
हिन्दी भाषा की वह कौन-सी विशेषता है जिसे लेखक ने गुण माना है, दोष नहीं? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
काशी संस्कृति की पाठशाला है। शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित काशी में कलाधर हनुमान व नृत्य विश्वनाथ हैं। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों सालों का इतिहास है जिसमें पंडित कंठे महाराज हैं, विद्याधारी हैं, बड़े रामदास जी हैं, मौजुद्दीन खाँ हैं व इन रसिकों से उपकृत होने वाला अपार जनसमूह है। काशी में संगीत आयोजन एक प्राचीन एवं अद्भुत परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से दक्षिण भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर में होता आया है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा में मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा दिया जाता है और भीतर की आस्था मुखरित हो उठती हैं। |
काशी किसकी पाठशाला है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
काशी संस्कृति की पाठशाला है। शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित काशी में कलाधर हनुमान व नृत्य विश्वनाथ हैं। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों सालों का इतिहास है जिसमें पंडित कंठे महाराज हैं, विद्याधारी हैं, बड़े रामदास जी हैं, मौजुद्दीन खाँ हैं व इन रसिकों से उपकृत होने वाला अपार जनसमूह है। काशी में संगीत आयोजन एक प्राचीन एवं अद्भुत परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से दक्षिण भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर में होता आया है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा में मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा दिया जाता है और भीतर की आस्था मुखरित हो उठती हैं। |
काशी की प्रतिष्ठा शास्त्रों में किस नाम से हैं? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
काशी संस्कृति की पाठशाला है। शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित काशी में कलाधर हनुमान व नृत्य विश्वनाथ हैं। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों सालों का इतिहास है जिसमें पंडित कंठे महाराज हैं, विद्याधारी हैं, बड़े रामदास जी हैं, मौजुद्दीन खाँ हैं व इन रसिकों से उपकृत होने वाला अपार जनसमूह है। काशी में संगीत आयोजन एक प्राचीन एवं अद्भुत परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से दक्षिण भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर में होता आया है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा में मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा दिया जाता है और भीतर की आस्था मुखरित हो उठती हैं। |
संकटमोचन मंदिर काशी में कहाँ स्थित है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
काशी संस्कृति की पाठशाला है। शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित काशी में कलाधर हनुमान व नृत्य विश्वनाथ हैं। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों सालों का इतिहास है जिसमें पंडित कंठे महाराज हैं, विद्याधारी हैं, बड़े रामदास जी हैं, मौजुद्दीन खाँ हैं व इन रसिकों से उपकृत होने वाला अपार जनसमूह है। काशी में संगीत आयोजन एक प्राचीन एवं अद्भुत परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से दक्षिण भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर में होता आया है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा में मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा दिया जाता है और भीतर की आस्था मुखरित हो उठती हैं। |
काशी में संगीत-सभा में कौन अवश्य ही उपस्थित रहता है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 1 |
काशी संस्कृति की पाठशाला है। शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित काशी में कलाधर हनुमान व नृत्य विश्वनाथ हैं। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों सालों का इतिहास है जिसमें पंडित कंठे महाराज हैं, विद्याधारी हैं, बड़े रामदास जी हैं, मौजुद्दीन खाँ हैं व इन रसिकों से उपकृत होने वाला अपार जनसमूह है। काशी में संगीत आयोजन एक प्राचीन एवं अद्भुत परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से दक्षिण भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर में होता आया है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा में मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा दिया जाता है और भीतर की आस्था मुखरित हो उठती हैं। |
बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई का प्याला किस ओर घुमा दिया जाता है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 3 |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवा अधिवेशन 1889 में मुंबई में आयोजित हुआ था। खचाखच भरे हॉल में देशभर के नेता एकत्र हुए थे। एक सुंदर युवती अधिवेशन को संबोधित करने के लिए उठी। हॉल में लाउडस्पीकर न थे। पीछे बैठे हुए लोग उस युवती की आवाज नहीं सुन पा रहे थे। वे आगे की ओर बढ़ने लगे। यह देखकर युवती ने कहा, भाइयों मुझे क्षमा कीजिए। मेरी आवाज आप तक नहीं पहुंच पा रही है। लेकिन इस पर मुझे आश्चर्य नहीं है। क्या आपने शताब्दियों तक कभी किसी महिला की आवाज सुनने की कोशिश की? क्या आपने उसे इतनी शक्ति प्रदान की कि वह अपनी आवाज को आप तक पहुँचने योग्य बना सके? प्रतिनिधियों के पास इन प्रश्नों के उत्तर न थे। इस साहसी युवती को अभी और बहुत कुछ कहना था। उनका नाम पंडिता रमाबाई था। उनके प्रयास से 1889 के उस अधिवेशन में 9 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुई थी। वे एक मूक प्रतिनिधि नहीं बन सकती थीं। विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध में रखे गए प्रस्ताव पर उन्होंने एक जोरदार भाषण दिया। इस तरह उन्होंने नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव रखी। |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवाँ अधिवेशन कब आयोजित हुआ? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 3 |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवा अधिवेशन 1889 में मुंबई में आयोजित हुआ था। खचाखच भरे हॉल में देशभर के नेता एकत्र हुए थे। एक सुंदर युवती अधिवेशन को संबोधित करने के लिए उठी। हॉल में लाउडस्पीकर न थे। पीछे बैठे हुए लोग उस युवती की आवाज नहीं सुन पा रहे थे। वे आगे की ओर बढ़ने लगे। यह देखकर युवती ने कहा, भाइयों मुझे क्षमा कीजिए। मेरी आवाज आप तक नहीं पहुंच पा रही है। लेकिन इस पर मुझे आश्चर्य नहीं है। क्या आपने शताब्दियों तक कभी किसी महिला की आवाज सुनने की कोशिश की? क्या आपने उसे इतनी शक्ति प्रदान की कि वह अपनी आवाज को आप तक पहुँचने योग्य बना सके? प्रतिनिधियों के पास इन प्रश्नों के उत्तर न थे। इस साहसी युवती को अभी और बहुत कुछ कहना था। उनका नाम पंडिता रमाबाई था। उनके प्रयास से 1889 के उस अधिवेशन में 9 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुई थी। वे एक मूक प्रतिनिधि नहीं बन सकती थीं। विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध में रखे गए प्रस्ताव पर उन्होंने एक जोरदार भाषण दिया। इस तरह उन्होंने नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव रखी। |
उस सुन्दर युवती का क्या नाम था? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 3 |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवा अधिवेशन 1889 में मुंबई में आयोजित हुआ था। खचाखच भरे हॉल में देशभर के नेता एकत्र हुए थे। एक सुंदर युवती अधिवेशन को संबोधित करने के लिए उठी। हॉल में लाउडस्पीकर न थे। पीछे बैठे हुए लोग उस युवती की आवाज नहीं सुन पा रहे थे। वे आगे की ओर बढ़ने लगे। यह देखकर युवती ने कहा, भाइयों मुझे क्षमा कीजिए। मेरी आवाज आप तक नहीं पहुंच पा रही है। लेकिन इस पर मुझे आश्चर्य नहीं है। क्या आपने शताब्दियों तक कभी किसी महिला की आवाज सुनने की कोशिश की? क्या आपने उसे इतनी शक्ति प्रदान की कि वह अपनी आवाज को आप तक पहुँचने योग्य बना सके? प्रतिनिधियों के पास इन प्रश्नों के उत्तर न थे। इस साहसी युवती को अभी और बहुत कुछ कहना था। उनका नाम पंडिता रमाबाई था। उनके प्रयास से 1889 के उस अधिवेशन में 9 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुई थी। वे एक मूक प्रतिनिधि नहीं बन सकती थीं। विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध में रखे गए प्रस्ताव पर उन्होंने एक जोरदार भाषण दिया। इस तरह उन्होंने नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव रखी। |
उस साहसी युवती के प्रयास से अधिवेशन में कितनी महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 3 |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवा अधिवेशन 1889 में मुंबई में आयोजित हुआ था। खचाखच भरे हॉल में देशभर के नेता एकत्र हुए थे। एक सुंदर युवती अधिवेशन को संबोधित करने के लिए उठी। हॉल में लाउडस्पीकर न थे। पीछे बैठे हुए लोग उस युवती की आवाज नहीं सुन पा रहे थे। वे आगे की ओर बढ़ने लगे। यह देखकर युवती ने कहा, भाइयों मुझे क्षमा कीजिए। मेरी आवाज आप तक नहीं पहुंच पा रही है। लेकिन इस पर मुझे आश्चर्य नहीं है। क्या आपने शताब्दियों तक कभी किसी महिला की आवाज सुनने की कोशिश की? क्या आपने उसे इतनी शक्ति प्रदान की कि वह अपनी आवाज को आप तक पहुँचने योग्य बना सके? प्रतिनिधियों के पास इन प्रश्नों के उत्तर न थे। इस साहसी युवती को अभी और बहुत कुछ कहना था। उनका नाम पंडिता रमाबाई था। उनके प्रयास से 1889 के उस अधिवेशन में 9 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुई थी। वे एक मूक प्रतिनिधि नहीं बन सकती थीं। विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध में रखे गए प्रस्ताव पर उन्होंने एक जोरदार भाषण दिया। इस तरह उन्होंने नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव रखी। |
साहसी युवती ने किस प्रस्ताव पर जोरदार भाषण दिया? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 3 |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवा अधिवेशन 1889 में मुंबई में आयोजित हुआ था। खचाखच भरे हॉल में देशभर के नेता एकत्र हुए थे। एक सुंदर युवती अधिवेशन को संबोधित करने के लिए उठी। हॉल में लाउडस्पीकर न थे। पीछे बैठे हुए लोग उस युवती की आवाज नहीं सुन पा रहे थे। वे आगे की ओर बढ़ने लगे। यह देखकर युवती ने कहा, भाइयों मुझे क्षमा कीजिए। मेरी आवाज आप तक नहीं पहुंच पा रही है। लेकिन इस पर मुझे आश्चर्य नहीं है। क्या आपने शताब्दियों तक कभी किसी महिला की आवाज सुनने की कोशिश की? क्या आपने उसे इतनी शक्ति प्रदान की कि वह अपनी आवाज को आप तक पहुँचने योग्य बना सके? प्रतिनिधियों के पास इन प्रश्नों के उत्तर न थे। इस साहसी युवती को अभी और बहुत कुछ कहना था। उनका नाम पंडिता रमाबाई था। उनके प्रयास से 1889 के उस अधिवेशन में 9 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुई थी। वे एक मूक प्रतिनिधि नहीं बन सकती थीं। विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध में रखे गए प्रस्ताव पर उन्होंने एक जोरदार भाषण दिया। इस तरह उन्होंने नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव रखी। |
नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव सर्वप्रथम किसने डाली? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । |
गद्यांश - 1 |
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है; किन्तु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज की। वह संस्कृत मानव था। हम आज के भौतिक-विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सकें; पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। भौतिक-प्रेरणा, ज्ञानेप्साक्या ये दो ही मानव-संस्कृति के माता-पिता हैं? सुनते हैं रूस का भाग्यविधाता लेनिन अपनी डेस्क में रखे हुए डबलरोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके। हमारी समझ से मानव-संस्कृति की जो योग्यता आविष्कार कराती है, खोज कराती है, नवीन जानकारी कराती है और किसी महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है, वह संस्कृति है। |
संस्कृति वह योग्यता है, जो |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । |
गद्यांश - 1 |
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है; किन्तु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज की। वह संस्कृत मानव था। हम आज के भौतिक-विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सकें; पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। भौतिक-प्रेरणा, ज्ञानेप्साक्या ये दो ही मानव-संस्कृति के माता-पिता हैं? सुनते हैं रूस का भाग्यविधाता लेनिन अपनी डेस्क में रखे हुए डबलरोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके। हमारी समझ से मानव-संस्कृति की जो योग्यता आविष्कार कराती है, खोज कराती है, नवीन जानकारी कराती है और किसी महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है, वह संस्कृति है। |
गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत विज्ञान की किस शाखा से संबंधित है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । |
गद्यांश - 1 |
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है; किन्तु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज की। वह संस्कृत मानव था। हम आज के भौतिक-विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सकें; पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। भौतिक-प्रेरणा, ज्ञानेप्साक्या ये दो ही मानव-संस्कृति के माता-पिता हैं? सुनते हैं रूस का भाग्यविधाता लेनिन अपनी डेस्क में रखे हुए डबलरोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके। हमारी समझ से मानव-संस्कृति की जो योग्यता आविष्कार कराती है, खोज कराती है, नवीन जानकारी कराती है और किसी महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है, वह संस्कृति है। |
रूस का भाग्य-विधाता किसे कहा जाता है? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । |
गद्यांश - 1 |
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है; किन्तु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज की। वह संस्कृत मानव था। हम आज के भौतिक-विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सकें; पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। भौतिक-प्रेरणा, ज्ञानेप्साक्या ये दो ही मानव-संस्कृति के माता-पिता हैं? सुनते हैं रूस का भाग्यविधाता लेनिन अपनी डेस्क में रखे हुए डबलरोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके। हमारी समझ से मानव-संस्कृति की जो योग्यता आविष्कार कराती है, खोज कराती है, नवीन जानकारी कराती है और किसी महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है, वह संस्कृति है। |
कार्ल मार्क्स ने किसे सुखी देखने का स्वप्न देखा? |
निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । |
गद्यांश - 1 |
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है; किन्तु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज की। वह संस्कृत मानव था। हम आज के भौतिक-विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सकें; पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। भौतिक-प्रेरणा, ज्ञानेप्साक्या ये दो ही मानव-संस्कृति के माता-पिता हैं? सुनते हैं रूस का भाग्यविधाता लेनिन अपनी डेस्क में रखे हुए डबलरोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था। वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके। हमारी समझ से मानव-संस्कृति की जो योग्यता आविष्कार कराती है, खोज कराती है, नवीन जानकारी कराती है और किसी महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है, वह संस्कृति है। |
सिद्धार्थ ने अपना घर क्यों त्याग दिया? |
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