Super Exam Indian Polity and Civics Parliament Question Bank संसद

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    भारत के महान्यायवादी के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः (INDIAN POLITY-2000, UPPSC-2005, 2006)
    1. वह भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
    2. उसमें वही योग्यता होनी चाहिए, जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की होती है।
    3. उसे संसद के किसी भी एक सदन का सदस्य होना चाहिए।
    4. संसद द्वारा महाभियोग लगाकर हटाया जा सकता है।

    A) निम्न कूट से उत्तर दीजिएः 1 और 2

    B) 1 और 3

    C) 2, 3 और 4

    D)  3 और 4

    Correct Answer: A

    Solution :

    व्याख्या-भारतीय संविधान के तहत भारत के महान्यायवादी पद का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद-76 में किया गया है। महान्यायवादी देश का सर्वोच्च विधि अधिकारी होता है। संविधान के अनुच्छेद-76 (1) के तहत राष्ट्रपति के द्वारा भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति का प्रावधान है। महान्यायवादी के पद पर नियुक्ति के लिए व्यक्ति में उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए आर्हित योग्यताएँ होनी चाहिए। महान्यायवादी राष्ट्रपति प्रसाद पर्यन्त पद धारण करेंगा। इसे संसद के दोनों सदनों में शामिल होने का अधिकार है लेकिन मतदान का अधिकार नहीं। टिप्पणी-भारत के पहले महान्यायवादी एम.सी.सीतलवाड़ (1950-63) थे। भारत के वर्तमान महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) के.के. वेणुगोपाल हैं।


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