Super Exam General Studies Dance and Music / नृत्य और संगीत Question Bank शास्त्रीय, अर्धशास्त्रीय एवं उप शास्त्रीय संगीत (संगीत कला भाग 2)

  • question_answer
    कर्नाटक संगीत के “ट्रिनिटी (त्रिमुर्ति)” में शामिल है?

    A) त्यागराज, श्यामा शास्त्री, मुक्तस्वामी दीक्षित

    B) त्यागराज, रामचंद्रन, श्यामा शास्त्री

    C) उन्नीकृष्णन, रामचंद्रन, सदाशिव राव

    D) त्यागराज, उन्नीकृष्णन, रामचंद्रन

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - त्यागराज, श्यामा शास्त्री, मुक्तस्वामी दीक्षित
    व्याख्या - त्यागराज, मुथुस्वामी दीक्षितार और श्यामा शास्त्री को कर्नाटक संगीत शैली की ‘त्रिमूर्ति’ कहा जाता है, जबकि पुरंदर दास को कर्नाटक शैली का पिता कहा जाता है। कर्नाटक शैली के विषयों में पूजा-अर्चना, मंदिरों का वर्णन, दार्शनिक चिंतन, नायक-नायिका वर्णन और देशभक्ति शामिल हैं।
    त्यागराज - भक्तिमार्गी कवि एवं कर्णाटक संगीत के महान संगीतज्ञ थे। उन्होने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया। उन्होंने सैंकड़ों भक्ति गीतों की रचना की जो भगवान राम की स्तुति में थे और उनके सर्वश्रेष्ठ गीत पंचरत्न कृति अक्सर धर्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं।
    मुक्तस्वामी दीक्षित - मुक्तस्वामी दीक्षित का जन्म 24 मार्च 1775 ईसवी तमिलनाडु के तिरूवरूर में तमिल ब्राह्मण दंपति, रामस्वामी दीक्षित और सुब्बम्मा के यहां हुआ था। मुक्तस्वामी ने अपनी पहली रचना “श्री नाथादी गुरूगुहो” को राग मेयामलवागोला में गाया। मुथुस्वामी दीक्षित को वीणा पर प्रवीणता प्राप्त थी। उन्होंने नौ ग्रहों की प्रशंसा में नवग्रह कृति का निर्माण कर अपने कौशल का प्रदर्शित करना जारी रखा। साहित्य के गीत, मंत्र और ज्योतिष शास्त्रों के गहरे ज्ञान को दर्शाते है। 19वीं 20वीं शताब्दी के कुछ प्रमुख कर्नाटक संगीतकार -
    सदाशिव राव
    अनय-अइय्या
    कोटेस्वरा अय्यर
    हरिकेसनल्लुर मुथैया भागवतार
    मयूरम विश्वनाथ शास्त्री 
    दांदापनी देसीकर


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