A) यकृत में
B) गुर्दे में
C) हृदय में
D) अस्थि मज्जा में
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - अस्थि मज्जा में |
व्याख्या - रक्त कणिकायें (Blood Corpucles) - रुधिर का 40 - 45% भाग रक्त कणिकाओं का बना होता है। जिस तरह प्रत्येक जाति के बीच कुछ न कुछ विविधता होती है उसी प्रकार सभी जीवों की रुधिर कणिकाओं के लक्षण में भी थोड़ी बहुत विभिन्नता होती है। रक्त कणिकायें निम्नलिखित तीन प्रकार की होती हैं - i. लाल रुधिर कणिकाएं ii. श्वेत रुधिर कणिकाएं iii. प्लेटलेट्स। |
लाल रक्त कणिकायें (Red Blood Corpuscles or Erthrocytes) - ये हल्के लाल रंग की, छोटी चपटी, गोल तथा दोनों से बीच मे दबी हुर्इ अर्थात उभयावतल (Bioconcave) रुधिर कणिकायें होती हैं। ये ग्लोबीन नामक प्रोटीन तथा हेमी अर्थात लौह तत्व के संयुग्मन से बने यौगिकीय पदार्थ से निर्मित है तथा जिससे RBCs का रंग लाल होता है। स्तनी वर्ग को छोड़कर सभी कशेरुकियों के RBCs में केन्द्रक (प्राय: एक) पाया जाता है। स्तनियों में ऊंट तथा लामा के RBCs में केन्द्रक उपस्थित होता है। |
RBCs का निर्माण एरिथोपोएसिस कहलाता है किडनी द्वारा संश्लेषित हार्मोन एरिथ्रोपोइटिन RBCs के निर्माण को उत्प्रेरित करता है। भ्रणीय अवस्था में इसका निर्माण मुख्यत: यकृत व कुछ अंश प्लीहा (Spleen) में होता है। शिशु जन्म के बाद RBCs बड़ी हड्डियों के अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में बनती हैं । विटामिन\[{{B}_{12}}\] एवं फोलिक. अम्ल इसके निर्माण को प्रेरित करते हैं तथा RBCs का जीवन काल मनुष्य के शरीर में लगभग 120 दिनों तक रहता हैं। तिल्ली या प्लीहा (Spleen) में पुरानी RBCs के मृत होने पर भक्षकाणुओं (Phagocytes) द्वारा इनका भक्षण कर लिया जाता है। |
लाल रक्त कणिकाओं के कार्य |
1. ऑक्सीजन का फेफड़ों से अन्य हिस्सों में संवहन तथा \[C{{O}_{2}}\]को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया हेतु फेफडो तक पहुंचाना। |
2. रुधिर PH का नियमन, |
3. रक्त के श्यानता (Viscosity) का निर्धारण। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec