Super Exam Biology Body Fluids and Circulation / शरीर के तरल पदार्थ और परिसंचरण Question Bank शारीरिक द्रव एवं परिसंचरण तंत्र

  • question_answer
    ब्ल्यू बेबी नामक प्रदूषण कारित बीमारी पीने वाले जल में निम्न में से किसके अधिक विद्यमान होने के कारण होती है?     (UPPCS2004,RPSC2010,MPPCS 2014)

    A) फ्लोराइड   

    B)        क्लोराइड

    C) नाइट्रेट                      

    D) आर्सेनिक

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर-नाइट्रेट 
    व्याख्या - नील शिशु संलक्षण (मीथेमोग्लोबिनेमिया) (Blue Baby Syndrome) रोग बच्चों में होता है। इससे बच्चे के होंठ एवं शरीर का रंग नीला होने लगता है। इसके दो कारण है पहला शिशुओं को जन्मजात हृदय अथवा फेफड़ो के दोष के कारण अपर्याप्त आक्सीजन मिलती है।  दूसरा कारण है जब जल में नवजात शिशुओं को ऐसा प्रदूषित जल पीने दिया जाता है, जिसमे नाइट्रेट की मात्रा 45 PPM वत 45 Mg/liter से आधिक होती है या (नाइट्रेट, नाइट्राइट की मात्रा 10 PPM से अधिक होती है) तब यह नाइट्रेट हीमोग्लोबिन से क्रिया करके उसकी ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता को कम कर देता है, जिससे श्वसन क्रिया सही तरीके से चलती नहीं है। नाइट्रेट जब हमारे आंतों तक पहुंचते है तो आंत्र की माइक्रोबियल फ्लोरा के माध्यम से नाइट्राइट में परिवर्तित हो जाता है। ये नाइट्राइट रक्त में हीमोग्लोबिन से क्रिया करके मेथहीमोग्लोबिन (Methaemoglobin Or MHb) का निर्माण करता है। यह हीमोग्लोबिन की तरह रक्त में पर्याप्त आक्सीजन ले जाने में असमर्थ होता है, जिसके फलस्वरूप ऊतको, कोशिकाओं तथा अंगों में आक्सीजन की कमी होने लगती है तथा वे नीले पड़ने लगते है। इस कारण इस रोग को ब्लू बेबी या मेथहीमोग्लोबिनेमया कहते है। रक्त में 10%MHb स्तर के कारण नीलिमा के लक्षण उत्पन्न होने लगते है व श्वसन क्रिया में असुविधा होने लगती है। रक्त में डभ्इ का स्तर 40% होने पर रोगी की अवस्था बहुत दहनीय होकर बेहोशी आ जाती है और तथा इलाज ना मिलने पर उसकी मृत्यु भी हो सकती है।


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