Super Exam Biology Molecular basis of Inheritance / विरासत का आणविक आधार Question Bank वंशागति का आण्विक आधार एवं जैव तकनीकी

  • question_answer
    आनुवांशिक अभियंत्रण (Genetic Engineering) के निम्नलिखित प्रभावों पर विचार कीजिए:-
    1. रोग प्रतिरोध
    2. वृद्धि वर्धन
    3. जन्तु क्लोनिंग
    4. मानव क्लोनिंग
    उपर्युक्त में, जो कुछ सफलता के साथ परीक्षित किए गए, वे हैं:-

    A) 1, 3 तथा 4

    B) 2, 3 तथा 4

    C) 1, 2 तथा 4

    D) 1, 2 तथा 3

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - 1, 2 तथा 3
    व्याख्या - आनुवांशिक अभियंत्रण द्वारा रोग प्रतिरोध, वृद्धि वर्धन तथा जन्तु क्लोनिंग आदि पर सफलता प्राप्त हो चुकी है लेकिन नैतिक अनैतिक पक्ष को देखते हुए मानव क्लोनिंग का परीक्षण अभी पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है, क्योंकि यह विवादास्पद एवं प्रतिबंधित है।
    टिप्पणी - जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धान्त - आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी में निम्नलिखित तकनीकों का प्रमुख योगदान रहा हैं।
    (i) आनुवांशिक अभियान्त्रिकी (genetic Engineering) - जैव प्रौद्योगिकी की इस विशेष शाखा में जीवों में वांछित लक्षण प्रारूप प्राप्त करने के लिए आनुवांशिक पदार्थ (जीन या DNA खंड) को जोड़ने, हटाने या ठीक करने को आनुवांशिक अभियांत्रिकी कहते हैं। इसे ‘टेलरिंग ऑफ डीएनए’ भी कहते हैं। इसके अंतर्गत कोशिकाओं की मूलभूत सरंचना में कृत्रिम रूप से बदलाव किया जाता है। इसके जनक पॉल बर्ग को माना जाता है।
    (ii) रासायनिक अभियांत्रिकी (Chemical Engineering) - इसके अन्तर्गत रोगाणु रहित वातावरण में केवल वांछित सूक्ष्मजीवों या प्रोकरियोटिक कोशिकाओं की वृद्धि से ज्यादा मात्रा में जैव प्रौद्योगिकी उत्पादों (जैसे एन्टीबॉयोटिक, टीके एवं एंजाइम आदि) का निर्माण किया जाता है। अलैंगिक जनन द्वारा आनुवांशिक सूचनाएं परिरक्षित रहती हैं जबकि लैंगिक जनन द्वारा विभिन्नताएं उत्पन्न होती हैं।
    परम्परागत संकरण द्वारा वांछित जीनों के साथ-साथ अवांछित जीनों का भी समावेश होने लगता है जबकि जेनेटिक इंजीनियरिंग द्वारा केवल इच्छा अनुरूप जीन या जीनों का ही जीवों में समावेश होता है। समावेशित (स्थानान्तरित) विजातीय (Alien) DNA खंड या जीन ग्राही गुणसूत्र से जुड़कर उसका एक हिस्सा बन जाता है। विजातीय DNA खंड के गुणन व रेप्लिकेशन के लिए यह आवश्यक है कि ग्राही गुणसूत्र में रेप्लिकेशन की उत्पत्ति हो। रेप्लिकेशन की उत्पत्ति एक विशिष्ट DNA सीक्वेंस द्वारा होता है जो रेप्लिकेशन प्रारम्भ करने के लिए उत्तरदायी होता है। विजातीय DNA परपोषी जीव में स्वयं की प्रतिकृति या गुणन करता है, इसे क्लोनिंग कहते हैं।


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