Super Exam Biology Molecular basis of Inheritance / विरासत का आणविक आधार Question Bank वंशागति का आण्विक आधार एवं जैव तकनीकी

  • question_answer
    भारत में विकसित आनुवंशिक रूपांतरित सरसों (GM सरसों) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-           (UPSC2018)
    1. GM सरसों में मृदा जीवाणु के जीन होते हैं, जो पादप को अनेक किस्मों के पीड़कों के विरुद्ध पीड़क-प्रतिरोध का गुण
    2. GM सरसों में वे जीन होते हैं, जो पादप में पर-परागण और संकरण को संकर बनाते हैं।
    3. GM सरसों का विकास IARI और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    A) केवल 1 और 3

    B) केवल 2

    C) केवल 2 और 3

    D) 1, 2 और 3

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - केवल 2
    व्याख्या - दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक मैनीपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स के वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा GM सरसों ‘धारा मस्टर्ड हाइब्रिड’ (Dhara DMH-11) का विकास किया गया। जिसमें एक मृदा जीवाणु से दो जीन (barnase & barstar) प्रविष्ट कराए गए हैं, जो इसमें पर-परागण एवं संकरण को संकर बनाते हैं। जिससे सरसों सामान्यत: एक स्वपरागण वाला पौधा बन जाता है। इस प्रकार, यह वर्तमान में उपलब्ध तरीकों की तुलना में संकरण के लिये अधिक उपयुक्त होता है। डी.एम.एच. -11 पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़े यह दर्शाते हैं कि इसकी उपज सरसों की मौजूदा किस्मों से बेहतर नहीं है।
    टिप्पणी - ऐसे पौधे, जीवाणु, कवक व जंतु जिनके जींस हस्तकौशल द्वारा परिवर्तित किए जा चुके हैं। आनुवंशिकत: रूपांतरित जीव (Genetically modified organisms &GMO) कहलाते हैं। जीएमओ का व्यवहार स्थानांतरित जीन की प्रकृति, परपोषी पौधों, जंतुओं या जीवाणुओं की प्रकृति व खाद्य जाल पर निर्भर करता है। इन्हें तैयार करने के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से प्रयोगशाला में वांछित जीन का निवेशन किया गया है। जिससे उनमें रोगरोधिता, कीटरोधिता या विषाणुरोधिता जैसे गुणों का समावेश हो जाता है। जीएम पौधों का उपयोग कर्इ प्रकार से लाभदायक हैं।


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