A) एडीनीन
B) टायरोसीन
C) गुआनीन
D) साइटोसीन
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - टायरोसीन |
व्याख्या - पॉलीन्यूक्लियोटाइड शृंखला (DNA या RNA) की रासायनिक संरचना संक्षेप में - न्यूक्लियोटाइड के तीन घटक होते हैं - नाइट्रोजनी क्षार, पेंटोस शर्करा (RNA के मामले में राइबोज तथा DNA में डीऑक्सीराइबोज) और एक फॉस्फेट ग्रुप। नाइट्रोजनी क्षार दो प्रकार के होते है प्यूरीन्स (एडेनीन व ग्वानीन) व पायरिमिडीन (साइटोसीन, यूरेसिल व थाइमीन)। साइटोसीन DNA एवं RNA दोनों में मिलता है जबकि थाइमीन DNA में मिलता है। थाइमीन के स्थान पर यूरेसील RNA में मिलता है। नाइट्रोजनी क्षार नाइट्रोजन ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा पेंटोस शर्करा से जुड़कर न्यूक्लियोसाइड बनाता है जैसे एडीनोसीन या डीऑक्सी एडीनोसीन, ग्वानोसीन या डीऑक्सी ग्वानोलीन, साइटीडीन या डीऑक्सीसाइटीडीन व यूरीडीन या डीऑक्सी थाइमीडीन। |
जब फॉस्फेट समूह फॉस्फोएस्टर बंध द्वारा न्यूक्लीयोसाइड के \[5'\] हाइड्रॉक्सील समूह से जुड़ जाता है तब संबंधित न्यूक्लियोटाइड्स (डीऑक्सी न्यूक्लियोटाइड्स उपस्थित शर्करा के प्रकार पर निर्भर है) का निर्माण होता है। दो न्यूक्लियोटाइड्स \[3'-5'\]फॉस्फोडाइस्टर बंध द्वारा जुड़कर डार्इन्यूक्लियोटाइड का निर्माण करता है। इस तरह से कर्इ न्यूक्लियोटाइड्स जुड़कर एक पॉलीन्यूक्लियोटाइड्स श्रृंखला का निर्माण करते हैं। इस तरह से निर्मित बहुलक के राइबोज शर्करा के \[5'\] किनारे पर स्वतंत्र फॉस्फेट समूह मिलता है जिसे पॉलीन्यूक्लियोटाइड शृंखला का \[5'\] किनारा (end) कहते हैं। ठीक इसी तरह से बहुलक के दूसरे किनारे पर राइबोज मुक्त \[3'\]हाइड्रॉक्सील समूह से जुड़ा होता है। पॉलीन्यूक्लियोटाइड शृंखला का \[3'\] किनारा कहते हैं। पॉलीन्यूक्लियोटाइड शृंखला के आधार का निर्माण शर्करा व फॉस्फेट्स से होता है। नाइट्रोजनी क्षार शर्करा अंश से जुड़ा होता है जो आधार से प्रक्षेपित होता है। |
टिप्पणी - RNA में प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड अवशेष के राइबोज की \[2'\] जगह पर एक अतिरिक्त हाइड्रॉक्सील समूह स्थित होता है। RNA में थाइमीन (\[5'\]-मेथिल यूरेसील थाइमीन का दूसरा रासायनिक नाम है) की जगह पर यूरेसील मिलता है। |
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