Super Exam Indian Polity and Civics Fundamental Rights and Duties Question Bank मूल अधिकार

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    किस वाद में संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन का अधिकार दिया? (UPSC-1992, MPPSC-1992)

    A) केशवानंद भारती वाद

    B) राजनारायण वाद

    C) गोलकनाथ वाद

    D) सज्जन कुमार वाद

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - केशवानंद भारती वाद            व्याख्या - उच्चतम न्यायालय ने सर्वप्रथम वर्ष 1951 में शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ वाद तथा तत्पश्चात् वर्ष 1965 में सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य के वाद में निर्धारित किया कि संसद संविधान द्वारा मूल अधिकारों मे संशोधन कर सकती है। वर्ष 1967 में गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य वाद में उच्चतम न्यायालय ने शंकरी प्रसाद एवं सज्जन कुमार वाद के विपरीत संसद द्वारा मूल अधिकारों में संशोधन पर रोक लगाने का निर्णय दिया। वर्तमान में नवीनतम निर्णय केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के आधार पर संसद को मूलाधिकारों में संशोधन की शक्ति ( सीमित) प्राप्त है। केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य, 1973 के वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि संसद की संविधान संशोधन शक्ति विस्तृत है किंतु असीमित नहीं और वह मूल अधिकारों का संशोधन तो कर सकती है, किंतु वह संविधान के आधारभूत तत्वों को परिवर्तित नहीं कर सकती।


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