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    जैन धर्म में ‘पूर्ण ज्ञान’ के लिए क्या शब्द है?     (IAS 1993)

    A) जिन                                         

    B) रत्न

    C) कैवल्य                                     

    D) निर्वाण

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर- कैवल्य
    व्याख्या - जैनधर्म में ‘पूर्ण ज्ञान’ के लिए कैवल्य शब्द का प्रयोग किया गया है। कैवल्य” एक अवस्था है जिसे प्राप्त कर के ही समझा जा सकता है। राग-द्वेष और अहंकार से परे की विरक्त अवस्था का नाम “कैवल्य” है। महावीर स्वामी को 12 वर्षों की कठोर तपस्या तथा साधना के पश्चात जृम्भिक ग्राम के समीप ऋजुपालिका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे कैवल्य प्राप्त हुआ था, जिसके उपरांत वे ‘केवलिन’ कहलाए।
    टिप्पणी - कैवल्य का आशय समाधि की चरम अवस्था या द्य उसके फल से है, तथा निर्वाण या मोक्ष इसके पर्यायवाची शब्द है। वेदान्त में इस चरम अवस्था को आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान या मोक्ष कहा जाता है। पतंजलि जी के अनुसार कैवल्य ही योग का चरम लक्ष्य है।


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