Super Exam General Studies Painting / चित्रकला Question Bank भारत में लघु चित्रकला (चित्रकला भाग 3)

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    लघु चित्रकला के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -       (UPPSC 2007)
    1. अजंता के भित्तिचित्रों के पश्चात चित्रकला का विकास अपभ्रंश शैली के अंतर्गत हुआ।
    2. लघु चित्रों में धार्मिक और पौराणिक विषय सम्मिलित किये जाते हैं।
    उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या -भारत की समृद्ध कला परम्परा की एक प्राचीनतम विधा लघुचित्र अर्थात मिनिएचर पेंटिंग्स है। अजंता के भित्तिचित्रों के पश्चात चित्रकला का विकास अपभ्रंश शैली के अंतर्गत हुआ। इसी अनुक्रम में 10वीं शताब्दी में ताड़पत्रों पर हस्तलिखित धार्मिक या पौराणिक कथाओं की संचित्र ग्रंथो के शुरुआत के साथ ही लघुचित्रों की भी शुरुआत हुई।
    टिप्पणी - बौद्ध धर्म के वज्रयान शाखा के समर्थकों ने लघु चित्रकला को समर्थन दिया और संरक्षण भी दिया। कृष्ण लीला, राग रागिनी, नायिका भेद, ऋतु चित्र, पंचतंत्र जैसे विषयों पर भी इस तरह की चित्रकारी की जाती रही है।
    विशेष - ताड़पत्रों पर रचित सबसे प्राचीन ग्रंथ “अधिनियुक्ति वृत्ति” मानी जाती है जिसमें कामदेव, श्रीलक्ष्मी पूर्णघट के चित्र पाये जाते है।


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