Super Exam General Studies Painting / चित्रकला Question Bank भारत में लघु चित्रकला (चित्रकला भाग 3)

  • question_answer
    कांगड़ा चित्रकला शैली के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. यह चित्रकला भागवत पुराण से प्रेरित है।
    2.. यह शैली प्रकृतिवादी है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - कांगड़ा कलम का नाम कांगड़ा रियासत के नाम पर पड़ा और यहां इसे पुष्पित-पल्लवित होने के लिए उचित परिवेश मिला। भागवत पुराण से प्रभावित कांगड़ा चित्र वृन्दावन और यमुना के साथ कृष्ण का बचपन दर्शाते हैं। इसमें दूसरा प्रिय विषय नल दमयन्ती की कहानियां हैं। यह शैली प्रकृतिवादी है और इसमें बहुत ध्यान से छोटी-छोटी चीजें विस्तार में बनाई गई हैं। कांगड़ा चित्रकला में स्त्री का आकर्षण बड़ा ही सुंदर ढंग से दिखाया जाता है।
    टिप्पणी - कांगड़ा चित्रकला के मुख्य स्थान गुलेर, बशोली चंबा, नूरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा है, लेकिन बाद में यह शैली मंडी, सुकेत, कुल्लू, नालागढ़ और गढ़वाल तक फैली।। वर्तमान में यह पहाड़ी चित्रकला के नाम से विख्यात है। इस काल का जन्म गुलेर नामक स्थान में हुआ। मुगल चित्रकला शैली के कलाकार परिवार को राजा दलीप सिंह ने अपने राज्य गुलेर में शरण दी और चित्रे में चित्रकला विकसित होना शुरू हुई। इन चित्रों में चित्रकार अपने मालिक के प्रेम प्रसंग के दृश्य, राजा-कृष्ण के प्रेम प्रसंग के दृश्य जैसे विषय लेते थे। कलाकार प्राकृतिक एवं ताजे रंगों का प्रयोग करते थे। ये रंग खरिज व वनस्पति से बनते थे, इनसे चित्र में प्राकृतिक दृश्य जैसी हरियाली होती थी।


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