Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    निम्नलिखित में से कौन-से बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में समान रूप से विद्यमान थे?                    (IAS 2001, BPSC 2003)
    1. तप और भोग की अति का परिहार
    2. वेद प्रामाण्य के प्रति अनास्था
    3. कर्मकांडों की फलवत्ता का निषेध
    4. प्राणियों की हिंसा का निषेध नीचे दिए हुए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए

    A) 1, 2, 3 और 4

    B) 2, 3 और 4

    C) 1, 3 और 4

    D) 1 और 2

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - 2, 3 और 4
    व्याख्या - पहला कथन असत्य है, शेष तीनों कथन सत्य हैं। वस्तुत: तप (आत्मदमन) और भोग की अति का परिहार एवं मध्यम मार्ग का अनुसरण केवल बौद्ध धर्म में किया गया था, जैन धर्म में नहीं। जबकि वेदों की प्रामाण्यता के प्रति अनास्था, कर्मकांडों की फलवत्ता का निषेध एवं प्राणियों की हिंसा का निषेध दोनों धर्मों में किया गया है। बौद्ध धर्म और जैन धर्म में समानतायें - बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों ने अपने विचारों को उपनिषदों के सांख्य-दर्शन से प्राप्त किया। दोनों धर्मों की उत्पत्ति भारत के उत्तर -पूर्वी भाग में हुई तथा आरंभ में दोनों के प्रचार के स्थान प्राय: समान थे। दोनों धर्मों ने वेदों में विश्वास प्रकट नहीं किया। दोनों धर्मों ने हिंदु धर्म के कर्मकांड, जाति भेद, पशु बलि, ब्राह्मणों की सामाजिक श्रेष्ठता आदि का विरोध किया। दोनों धर्मों ने मोक्ष अथवा निर्वाण की प्राप्ति को मनुष्य का परम लक्ष्य स्वीकार किया। दोनों धर्मों ने ईश्वर में अविश्वास प्रकट किया। दोनों धर्मों ने कर्म सिद्धांत को स्वीकार किया और यह विश्वास प्रकट किया कि मनुष्य को अपने कर्मों के अनुसार फल की प्राप्ति होती है।


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