Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    ‘क्षणिकवाद’ का प्रतिपादन किसने किया?                                                        (IAS 2004 JUPPSC 2006 JRAS 2008)

    A) बुद्ध                                          

    B) जैन

    C) चार्वाक                     

    D) इनमें से कोई नहीं

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर- बुद्ध
    व्याख्या -’क्षणिकवाद’ का सिद्धांत बौद्ध दर्शन से संबंधित है अर्थात इस विश्व में सब कुछ क्षणिक है और नश्वर है। कुछ भी स्थायी नहीं परन्तु वैदिक मत से विरोध है। क्षणिकवाद अनित्यतावाद का तार्किक विकास है, जो बुद्धोत्तर बौद्ध दर्शन में अस्तित्व में आया। बौद्ध के अनुसार, संसार में कुछ भी स्थायी या नित्य नहीं है यहां तक कि आत्मा की भी नित्य सत्ता नहीं है।
    टिप्पणी - बुद्ध ने स्वयं अनित्यवाद के सिद्धांत का (प्रतिपादन) किया था। क्षणिकवाद के अनुसार विश्व की प्रत्येक वस्तु का अस्तित्व क्षणमात्र के लिए ही रहता है। जिस प्रकार नदी की एक बूंद एक क्षण के लिए सामने आती है. तथा दूसरे क्षण वह विलीन हो जाती है, उसी प्रकार जगत की समस्त वस्तुएं क्षणमात्र के लिए ही अपना अस्तित्व कायम रखती हैं। बुद्ध ने अस्थायित्व एवं क्षणिकत्व में भेव किया है।


You need to login to perform this action.
You will be redirected in 3 sec spinner