Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    बौद्ध दर्शन के अनुसार विचार कीजिए -             (IAS 2005)
    कथन (A) पुनर्जन्म नहीं होता है।
    कारण (R) आत्मा मे सत्ता नहीं है।
    निम्नलिखित कूट से अपना उत्तर चुनिए

    A) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R) सही व्याख्या है (A) की

    B) (A) तथा (R) दोनों सही हैं किंतु (R) सही व्याख्या नहीं है (A) की

    C) (A) सही है किंतु (R) गलत है।

    D) (A) गलत है किंतु (R) सही है।

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर – (A) गलत है किंतु (R) सही है।
    व्याख्या - बौद्ध दर्शन के अनुसार ब्राम्हण ग्रंथों द्वारा प्रतिपादित वेदों की अपौरुषेयता एवं आत्मा की अमरता सही नहीं है । किन्तु आत्मा के अस्तित्व को अस्वीकार करने के बावजूद बौद्ध पुनर्जन्म तथा कर्म के सिद्धांत को मानते थे। उनके अनुसार जीवन विभिन्न अवस्थाओं की संतति है, जो एक-दूसरे पर निर्भर करती है।
    विशेष - प्रतीत्यसमुत्पाद क्या है?- प्रतीत्यसमुत्पाद का सिद्धांत कहता है कि कोई भी घटना केवल दूसरी घटनाओं के कारण ही एक जटिल कारण-परिणाम के जाल में विद्यमान होती है। प्राणियों के लिये, इसका अर्थ है कर्म और विपाक (कर्म के परिणाम) के अनुसार अनंत संसार का चक्र। क्योंकि सब कुछ अनित्य और अनात्म (बिना आत्मा के) होता है, कुछ भी सच में विद्यमान नहीं है। हर घटना मूलत: शुन्य होती है। परंतु, मानवे, जिनके पास ज्ञान: की शक्ति है, तृष्णा को, जो दु:ख का कारण है, त्यागकर, तृष्णा में नष्ट की हुई शक्ति को ज्ञान और ध्यान में बदलकर, निर्वाण: पा सकते हैं।


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