Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

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    “धर्म” तथा “ऋत” भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के एक केंद्रीय विचार को चित्रित करते हैं। इस संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए (IAS 2011)
    1. धर्म व्यक्ति के दायित्वों एवं स्वयं तथा दूसरों के प्रति व्यक्तिगत कर्तव्यों की संकल्पना था।
    2. ऋत मूलभूत नैतिक विधान था जो सृष्टि और उसमें अंतर्निहित सारे तत्वों के क्रियाकलापों को संचालित करता था।

    A) केवल 1                    

    B) केवल 2

    C) 1 और 2 दोनों                            

    D) न तो 1 और न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2 दोनों
    व्याख्या - ऋगवैदिक धर्म की प्रमुख विशेषता ऋत की संकल्पना में विश्वास थी। ऋत एक प्रकार की नैतिक व्यवस्था थी जिससे विश्व में सुव्यवस्था तथा प्रतिष्ठा स्थापित होती थी। वरूण को ऋत का संरक्षक बताया गया है। पालन न करने पर दंड का विधान था। यह भी उल्लेखनीय है कि कि धर्म तथा ऋत अलग न होकर तत्कालीन विचारों की केन्दीय अवधारणा थे।


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