Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    सांख्य दर्शन के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. सांख्य दर्शन का सिद्धांत सत्कार्यवाद कहलाता है।
    2. प्रकृत त्रिगुणात्मक और अचेतन है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1                    

    B) केवल 2

    C) 1 और 2                   

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या -उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं। कारण और कार्य के मध्य संबंध के बारे में सांख्य दर्शन का सिद्धांत सत्कार्यवाद कहलाता है। सांख्य दर्शन के अनुसार विश्व त्रिगुणात्मक प्रकृति का वास्तविक परिणाम है। प्रकृति त्रिगुणात्मक और अचेतन है। सत, रज और तम तीन गुण प्रकृति के हैं। कोई ऐसी सत्ता भी होनी चाहिए जो गुणातीत और चेतन हो। पुरुष या आत्मा चैतन्य स्वरूप है।
    टिप्पणी - सत्कार्यवाद क्या है? सत्कार्यवाद के अनुसार कार्य अपने कारण में पहले से अंतर्निहित रहता है और उचित परिस्थितियों में प्रकट होता है। सांख्य का यह मत न्याय-वैशेषिक के कारणता संबंधी सिद्धांत के विपरीत है। सांख्य दर्शन के अनुसार कार्य अपने कारण में अव्यक्त अवस्था में रहता है इसलिए उसे कारण से भिन्न समझना ठीक नहीं है। न्याय दर्शन के अनुसार कार्य कारण में पहले से नहीं रहता बल्कि कार्य सर्वथा एक नई उत्पत्ति है, एक नया आरंभ है। इसलिए न्याय-वैशेषिक का कार्य-कारण सिद्धांत असत्कार्यवाद या आरंभवाद कहलाता है।


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