Super Exam Chemistry Polymers / बहुलक Question Bank बहुलक

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    निम्न में से किसका उपयोग पॉलिथीन के संश्लेषण में किया जाता है?                        (RPSC 2008, UKPSC 2010)

    A) मीथेन

    B) एथिलीन

    C) प्रोपेन

    D) ब्यूटेन

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर- एथिलीन व्याख्या- पॉलिएथिलीन या पॉलिथीन- यह एथिलीन का बहुलक है। यह दो प्रकार का होता है
    (i) निम्न घनत्व पॉलिएथिलीन (Low Density Poly Ethylene LDPE),
    (ii) उच्च घनत्व पॉलिएथिलीन (High Density Poly Ethylene, HDPE)
    (i) निम्न घनत्व पॉलिएथिलीन (L.D.P.E)- एकलक एथिलीन अणुओं को उच्च ताप (100-300\[^{o}C\]), उच्च दाब (1000-3000 atm.) तथा अत्यल्प ऑक्सीजन (0.03 से 0.1%) की उपस्थिति में गर्म करने पर निम्न घनत्व का पॉलिएथिलीन निर्माण होता है।
    \[nC{{H}_{2}}=C{{H}_{2}}\xrightarrow{mPp rki {\scriptscriptstyle 1\!/\!{ }_4}1000\And 3000 atm{\scriptscriptstyle 1\!/\!{ }_2}}n{{(C{{H}_{2}}-C{{H}_{2}}-)}_{n}}\]
    गुण - इनमें शाखित शृंखलाएं होती हैं और श्रृंखलाएं कभी-कभी ही पूरी क्रम में व्यवस्थित होती हैं। जिसके कारण ये लचीले होते हैं। ये ग्लास की तरह पारभासी (Transluscent) होते हैं।
    उपयोग- प्लास्टिक बैग, निचोड़ने वाली बोतलें (Squeeze bottles), विद्युत रोधन (Insulation), रेफ्रिजरेटर डिश, ढांचे में ढलने वाली वस्तुएं, कोट, रैपर आदि बनाने में।
    (ii) उच्च घनत्व पॉलिएथिलीन (H.D.P.E.)- सन् 1963 में जीग्लर नाटा प्रक्रम (Ziegler- Natta Process) Karl Ziegler और G. Natta ने टाइटेनियम क्लोराइड और एथिल एल्युमीनियम यौगिक (इसे जीग्लर नाटा उत्प्रेरक कहते हैं) को अक्रिय विलायक (हेक्सेन) में उत्प्रेरक के रूप में प्रयोग करते हुए सामान्यत: कम दाब और ताप पर एथिलीन से उच्च घनत्व का पॉलिएथिलीन का निर्माण किया। इसके लिए वैज्ञानिकों को सन् 1963 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
    \[nC{{H}_{2}}=C{{H}_{2}}\xrightarrow{(TiC{{l}_{4}}+{{({{C}_{2}}{{H}_{5}})}_{3}}Al)}n{{(C{{H}_{2}}-C{{H}_{2}}-)}_{n}}\]
    गुण - उपरोक्त विधि से निर्मित पॉलिथीन का आण्विक द्रव्यमान 10,000 से 30,00,000 तक होता है। इनमें श्रृंखलाएं रेखीय होती हैं। इनकी प्रकृति अधिक क्रिस्टलीय होती है, क्योंकि श्रृंखलाएं अधिक व्यवस्थित रहती है। अत: ये कठोर होते हैं। ये अम्ल, क्षार एवं अन्य विलायकों के प्रति अक्रिय होते हैं।
    उपयोग- इसका उपयोग खिलौने, पाइपों, ग्लास, बाल्टियां, रेडियो, टी.वी. के कैबिनेट, रस्सियां आदि बनाने में होता है।


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