Super Exam General Studies Sculpture in India / भारत में मूर्तिकला Question Bank प्राचीन भारत में मूर्तिकला (मूर्तिकला भाग 1)

  • question_answer
    मूर्ति कला की मथुरा कला के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. मथुरा कला में ही व्यक्ति विशेष की प्रतिमाओं का सर्वप्रथम निर्माण हुआ।
    2. मूर्तियों के निर्माण में चित्तीदार पत्थर का उपयोग हुआ है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं। मथुरा कला शैली गांधार शैली के समान ही कुषाण काल में प्रचलित थी। मथुरा इस शैली का एक विशाल केंद्र था। यहां असंख्य मूर्तिकार कार्य करते थे। मथुरा शैली दो शैलियों के मिश्रण से उत्पन्न हुई थी; भरहुत शैली और सांची शैली।
    टिप्पणी - मथुरा कला की निम्नलिखित विशेषताएं हैं -
    मथुरा कला में भरहुत की लोक कला शैली और सांची की नागर कला शैली का सुंदर समन्वय हुआ है।
    मथुरा कला में ही व्यक्ति विशेष की प्रतिमाओं का सर्वप्रथम निर्माण हुआ ।
    मूर्तियों के निर्माण में चित्तीदार पत्थर का उपयोग हुआ है।
    खमथुरा कला शैली भावना प्रधान, आदर्शवादी और प्रतीकात्मक है।
    मथुरा कला में मनुष्य को प्रकृति की सुन्दर पृष्ठभूमि में दर्शाया गया है।
    बुद्ध की प्रतिमाएं भारी शरीर वाली हैं।
    मथुरा शैली में बुद्ध को मुंडित सिर दिखाया गया है। अधीकांश प्रतिमाओं में आभामंडल दिखाया गया है।


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