Super Exam Biology Getting to know Plants / पौधों को जानना Question Bank पादप जगत एवं पुष्पीय पादप

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    जड़ों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये
    1. जड़ें मिट्टी से जल और खनिज पदाथोर्ं का अवशोषण करती हैं तथा पौधों को मिटी में दृढता से जमाए रखती हैं।
    2. जालिका रूपी शिरा-विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें रेशेदार होती हैं, जबकि समांतर शिरा-विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें मूसला जड़ें होती हैं।
    उपर्युक्त कथनों में से कौन-साध्से कथन सही है /हैं?

    A) केवल 1                    

    B) केवल 2

    C) 1 और 2 दोनो             

    D) न तो 1 और न ही 2

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - केवल 1
    व्याख्या - जड़ें मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं - मूसला जड़ (Tap root) एवं अपस्थानिक जड़ध्रेशेदार जड़ध्झकड़ा जड़ (Adventious root) मूसला जड़ - यह जड़ भ्रूण के मूलांकुर (Radicals) से अंकुरण के फलस्वरूप विकसित होते हैं, ऐसे जड़ को मूसला जड़ कहते हैं। मूलांकुर से विकसित होने वाले मुख्य जड़ प्राथमिक जड़ (Primary root) कहलाती हैं। यह जड़ की अन्य शाखाओं से मोटी (व्यास में) होती है तथा अधिक गहरार्इ प्रवेश करती जाती है। इससे कर्इ शाखाएं निकलती हैं, जिन्हें द्वितीयक जड़ (Secondary root) कहते हैं। द्वितीयक जड़ों से उत्पन्न होने वाली शाखाएं तृतीयक जड़ (Tertiary root) कहलाती हैं। इस प्रकार बनी प्राथमिक जड़ तथा उसकी शाखाओं को एक साथ मूसला जड़ तंत्र (Tap root system) के द्वारा प्रदर्शित करते हैं। यह जड़ तंत्र द्विबीजपत्री पौधों की लाक्षणिक विशेषता है तथा यह भूमि में बहुत गहरार्इ तक वृद्धि करके को मजबूती से स्थिर तथा सीधा रखने में मदद करती है।
    उदाहरण - चना, मटर, आलू, आम, अमरुद, कटहल, शीशम, साल, नीम, पलाश, सागौन, आदि।
    अपस्थानिक जड़ (Adventitious root) - मूलांकुर को छोड़कर पौधे के किसी अन्य अंग से विकसित होने वाले जड़ को अपस्थानिक जड़ कहते हैं। प्राय: एकबीजपत्री पौधों में अंकुरणके कुछ समय बाद मूलांकुर (Radicals) के द्वारा बनाये जाने वाले मूसला जड़ की वृद्धि रुक जाती है तथा प्राकुर (plumule) के आधार या तने के आधारीय या अन्य हिस्सों में रेशे की तरह समूह में जड़ें विकसित हो जाती हैं। ये जड़ें भूमि में गहरार्इ तक प्रवेश न करके केवल ऊपरी सतह पर एवं कम गहरार्इ तक फैली होती हैं। कुछ द्विबीजपत्री पौधों जैसे - पान (Piper), बरगद (Banyan), सेमल (Salmalia), आदि में भी अपस्थानिक जड़ मूसला जड़ तंत्र के साथ-साथ उपस्थित होती है तथा ये जड़ें पौधों को यांत्रिक आधार प्रदान करती है। यदि ये मुख्य तना के आधार से समूह में बहुत ही पतली रचना के रूप में विकसित होती है तो उन्हें झकड़ा मूल (Fibrous root) कहते हैं। अपस्थानिक जड़ एकबीजपत्री पौधों की लाक्षणिक विशेषता है। उदाहरण-मक्का, धान, गेहूं, गन्ना, टायफा, जौ (Barely), ज्वार, बाजरा इत्यादि। जालिका रूपी शिरा-विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें मूसला जड़ रहती हैं, जबकि समांतर शिरा-विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें रेशेदार रहती हैं।


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