Super Exam General Studies Dance and Music / नृत्य और संगीत Question Bank नृत्य परंपरा का परिचय एंव भारत में शास्त्रीय नृत्य (नृत्यकला भाग 1)

  • question_answer
    किस शास्त्रीय नृत्य में घरानों का विकास हुआ?

    A) ओडिशी

    B)                          भरतनाट्यम

    C) कुचिपुड़ी   

    D)          कत्थक

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - कत्थक
    व्याख्या - कत्थक उत्तर प्रदेश की परम्परागत शास्त्रीय नृत्य विधा है जो मुगल काल में अपने चरमोत्कर्ष पर पहुच गयी थी। कत्थक अत्यंत नियमबद्ध एवं शुद्ध शास्त्रीय नृत्य शैली है, जिसमें पूरा ध्यान लय पर दिया जाता है। इस नृत्य में पैरों की थिरकन और घूमने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस नृत्य शैली का कई घरानों यथा-जयपुर घराना, लखनऊ घराना, बनारस घराना और रायगढ़ घराना में विकास हुआ।
    टिप्पणी - कथक के मुख्य घराने -
    · लखनऊ घराना - यह नवाब वाजिद अली शाह के शासन काल में अपने शिखर पर पहुंचा। इसमें अभिव्यक्ति पर अधिक बल दिया गया और इसमें गजेल और ठुमरी के समायोजन का भी प्रयास हुआ।
    · जयपुर घराना - भानु जी के द्वारा इस घराने को शुरू किया गया था। यह अपने लम्बे लयबद्ध पैटर्न; गति तथा प्रवाह के लिए जाना जाता है।
    · बनारस घराना - फ्लोरवर्क पर अधिक ध्यान देने वाले इस घराने को जानकी प्रसाद मिश्र द्वारा स्थापित किया गया था।
    · रायगढ़ घराना - राजा चक्रधर सिंह के सरंक्षण में विकसित इस घराने में तीव्र संगीत पर अधिक बल दिया जाता है।
    विशेष - कत्थक का अर्थ है ‘कथा’ अर्थात ऐसा नृत्य जो किसी कहानी का वर्णन करता है। कथक के सन्दर्भ रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में भी पाए जाते हैं। मध्ययुगीन भारत में भक्ति काल के विकास के साथ-साथ कत्थक भी नृत्य-नाट्य जैसे आख्यान, पंडवानी, हरिकथा और कलाक्षेपम आदि के रूप में मंदिर-प्रांगणों में प्रदर्शित किया जाता रहा है।


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