Super Exam General Studies Dance and Music / नृत्य और संगीत Question Bank नृत्य परंपरा का परिचय एंव भारत में शास्त्रीय नृत्य (नृत्यकला भाग 1)

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    भरतनाट्यम के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें - 1. 1927 ईसवी में देवदासी अधिनियम द्वारा मद्रास (तमिलनाडु) के मंदिरों में इस नृत्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 2. रुक्मिणी देवी अरुण्डेल और ई कृष्णा अय्यर ने इसके पुनरुद्धार के लिए प्रयास किये। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1    

    B)          केवल 2

    C) 1 और 2   

    D)          न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं। इस नृत्य में तमाम विसंगति के कारण 1927 में देवदासी अधिनियम द्वारा मद्रास (तमिलनाडु) के मंदिरों में सभी तरह के नृत्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।बीसवीं सदी के शुरुआती दशकों में रुक्मिणी देवी अरुण्डेल, ‘जो एक उच्च वर्ग की ब्राह्मण महिला थीं’ ने भरतनाट्यम का अध्ययन किया और इसका पुनरुद्धार करने का प्रयास किया। मद्रास में 1927 ईसवी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र के दौरान, ई. कृष्णा. अय्यर, जो एक वकील और स्वतंत्रता सेनानी थे, ने प्रथम अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन का आयोजन किया। 1928 ईसवी में संगीत अकादमी की स्थापना उपरांत इसके मंच पर दो देवदासी नर्तकियों के नृत्य को प्रस्तुत किया गया। रुक्मिणी देवी ने 1935 ईसवी में मद्रास में थियोसोफिकल सोसायटी में एक अंतरराष्ट्रीय सभा से पहले प्रदर्शन भी किया। उन्होंने 1936 ईसवी में भरतनाट्यम में एक प्रशिक्षण संस्थान, कलाक्षेत्र अकादमी की स्थापना भी की। तब से, इसके खिलाफ विरोध कम होने लगा, और कुछ ही वर्षों के भीतर भरत नाट्यम ने अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की।


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