A) केकड़
B) बरुथी
C) बिच्छू
D) मकड़ी
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर - केकड़ा |
व्याख्या - सभी जीव आर्थोपोडा संघ के है जिसमें केकड़ा मैलेकोस्ट्रेका (Malacostraca) वर्ग का जीव है जो मान्डिबुलेटा उपसंघ में आता है। इनका शरीर तीन भागों में बंटा होता है। एक जोड़ी चबाने वाला अंग (मैंडिबल) होता है। बरुथी, बिच्छु तथा मकड़ी वर्ग ऐरैक्निडा (Arachnida) के जन्तु है। इनका शरीर दो भागों में बंटा होता है, इनमें एक जोड़ी चेलिसरी पाए जाते हैं। ये सभी उपसंघ चेलिसरेटा में आता |
है।विशेष - आर्थोपोडा संघ के महत्वपूर्ण जन्तु |
केकड़ा (Crab) - इसका का शरीर सिर, वक्ष एवं उदर से मिलकर बना होता है। केकड़ा में 5 जोडी चलन पाद होते है। यह पक्षवर्ती गमन (Side way Locomotion) कर सकता है। यह एकलिंगी होता है। श्वसन जल क्लोमों (Gills) द्वारा होता है। |
बिच्छू - इसके 4जोडी पैर एवं 2 से 5 जोडी पार्श्वनेत्र होते हैं। श्वसन बुकलंग द्वारा होता है। इसका रुधिर हल्के नीले रंग का होता है। उत्सर्जी अंग मैल्पघीयन नलिकाएं होती है। मैथून से पहले प्रणय निवेदन नाच (Courtship Dance) करता है। मैथुन के मादा प्राय: नर को मारकर खा जाती है। बिच्छू के पूच्छदण्ड का पिछले भाग में जहरीला डंक होता है। मादा एक बार में 2 से 3 दर्जन शिशुओं को जन्म देती है। |
कॉकरोच (पेरीप्लेनेटा) - कॉकरोच रात्रिचर और सर्वाहारी जन्तु है। कॉकरोच के हृदय में कक्षो की संख्या 13 होती है। कॉकरोच में हीमोग्लोविनाविहीन, खुला रुधिर परिसंचरण तंत्र पाया जाता है। कॉकरोच में उत्सर्जी अंग मैल्पघीयन नलिकाएं होती है। |
टिड्डी (Grasshopper) - इसका शरीर सिर, वक्ष तथा उदर में विभक्त होता है। टिड्डे में एकजोडी संयुक्त नेत्र, तीन जोडी छोटे सरल नेत्र होते हैं। श्वसन श्वास नाली द्वारा होता है। श्वास रन्ध्रों की संख्या 10 जोडी जिसमे 4 जोड़ी अन्त:श्वसन (Inspiration) एवं 6 जोडी उच्छवास (Expiration) होते है। टिड्डी में उत्सर्जन मैल्पीघीयन नलिकाओं द्वारा नलिकाओं द्वारा होता है। मादा गड्डे खोदकर अण्डे देती है। |
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