Super Exam Biology Plant Growth and Development / पौधे की वृद्धि और विकास Question Bank जैव विकास

  • question_answer
      विकास के उत्परिवर्तन सिद्धांत का प्रतिपादन किया था (UPPCS 2005, JPSC 2006)

    A) हक्सले ने

    B) डार्विन ने

    C) लैमार्क ने

    D) ह्यूगो डी व्रीज ने

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - ह्यूगो डी व्रीज ने
    व्याख्या - उत्परिवर्तनवाद (Mutation Theory) - ह्यूगो डी वीज (Hugo De Veries) वैज्ञानिक ने सन् 1901 र्इ. में दिया। उनके अनसार नर्इ जाति की उत्पत्ति अचानक एक ही बार में होने वाली 12 स्पष्ट एवं स्थायी (वंशागत) बड़ी विभिन्नताओं (उत्परिवर्तनों) के कारण होती है। जीन डी.एन.ए. के न्यूक्लियोटाइडो का ऐसा अनुक्रम है, जिसमें समाहित कूटबद्ध सूचनाओं से अंतत: प्रोटीन के संश्लेषण का कार्य सम्पन्न होता है। यह आनुवांशिकता के बुनियादी और कार्य क्षमता वाले घटक होते हैं। जब किसी जीन के डीएनए में कोर्इ स्थार्इ परिवर्तन होता तो उसे उत्परिवर्तन कहा जाता है। इन्होंने अपना प्रयोग सांध्य प्रिमरोज (Evening Primrose) पर किया था। उत्परिवर्तन का सिद्धान्त (Theory of Mutation) -, इसके प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं
    i. नर्इ जीवजातियों की उत्पत्ति एक ही बार में स्पष्ट एवं स्थायी (वंशागत) आकस्मिक परिवर्तनों (उत्परिवर्तनों) के फलस्वरूप होती है, न कि छोटी-छोटी व अस्थिर विभिन्नताओं में प्राकृतिक चयन द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी संचय व क्रमिक विकास के फलस्वरूप।
    ii. सभी जीवजातियों में उत्परिवर्तन की प्राकृतिक प्रवृत्ति होती है जो कभी कम या अधिक या शांत हो सकती है।
    iii. जाति का पहला सदस्य जिसमें परिवर्तित लक्षण दिखार्इ पड़ता है, उत्परिवर्तक (Mutation) कहलाता है और यह परिवर्तन शुद्ध नस्ली होता है।
    iv. उत्परिवर्तन में अनिश्चितता होने से एक ही जाति के जीवों से विभिन्न उत्परिवर्तन के कारण कर्इ विभिन्न जातियों की उत्पत्ति होती है।


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