Super Exam Biology Skeletal System / कंकाल प्रणाली Question Bank कंकाल तंत्र

  • question_answer
    सूची- I तथा सूची-II को सुमेलित कीजिये -
    सूची- I  (संधि) सूची- II (विशेषता)
    A.   धुराग्र सधि (Picot Joint) 1. सभी दिशाओं में गति प्रदान करने वाली संधि
    B.  अचल संधि (Fixed Joint) 2. गर्दन और सिर को जोड़ने वाली संधि
    C.  कंदुक-खल्लिका संधि (Ball and Socket Joint) 3. एक दिशा में गति करने वाली संधि
    D.  हिंज संधि (Hinge Joint) 4. गति न करने वाली संधि
    कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिये- कूट:

    A) A\[\to \]1, B\[\to \]2, C\[\to \]3, D\[\to \]4

    B) A\[\to \]4, B\[\to \]2, C\[\to \]3, D\[\to \]1

    C) A\[\to \]4, B\[\to \]2, C\[\to \]1, D\[\to \]3

    D) A\[\to \]2, B\[\to \]4, C\[\to \]1, D\[\to \]3

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - A\[\to \]2, B\[\to \]4, C\[\to \]1, D\[\to \]3
    व्याख्या - संधियां दो अस्थियों के बीच के जुड़ाव को सूचित करती है।
    पूर्ण या चल संधि - वह संधि जिसमें अस्थियां स्वतंत्र रूप से गति कर सकती हैं पूर्ण या चल संधि (Movable Joint or Perfect Joint) कहलाती है।
    · धुराग्र संधि या धुरी संधि (Pivot Joint) - इस प्रकार की संधि को रोटोटोरिया (Rototoria) भी कहते हैं, क्योंकि यह घूर्णन गति में सहायक होती है। इस उदाहरण - अक्षीय अर्थात् स्तनियों की दूसरी कशेरुका के ओडोन्टॉयड प्रवर्ध तथा पहली कशेरुकी अर्थात् एटलस (Atlas) के बीच इसी प्रकार का जोड़ पाया जाता हैं। इसे  एटलेण्टोएक्सियल ज्वाइंट भी कहते हैं। इस संधि के कारण ही सिर का घुमाया जाना संभव होता है।
    कंदुक खल्लिका संधि या गेंद एवं प्याला संधि (Ball And Socket Joint) - इस प्रकार की संधि में एक अस्थि का गेंदनुमा सिरा दूसरी अस्थि की प्यालेनुमां गुहा में फिट रहते हए कर्इ दिशाओं में घुमाया जा सकता हैं। ह्यूमरस के सिर एवं अंश मेखला (Pectoral Girdle) की ग्लीनॉयड गुहा (Glenoid Cavity ) एवं फीमर एवं श्रोणि मेखला के एसीटेबुलम गुहा के बीच कंदुक खल्लिका संधि होती है। कब्जा संधि (Hinge Joint) - इस संधि को जिन्गुलम (Gingulum) के नाम से भी जानते है। इस प्रकार की संधि के कारण अस्थियों में गति केवल एक दिशा में ही होती है तथा एक निश्चित सीमा के बाद गति नहीं होती।
    उदाहरण - कलार्इ की संधि (Wrist Joint), कुहनी की संधि ( Elbow Joint), घुटनों की संधि (Knee Joint) तथा हाथ की अन्य अंगुलियों के बीच की संधियां।
    · अस्थियों के मध्य कुछ संधियां ऐसी भी होती हैं, जो गति नहीं कर सकतीं, इन्हें ‘अचल संधि’ कहते हैं। ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि हैं।
    · कंकाल के कुछ अतिरिक्त हिस्से या ऊतकों के समूह भी हैं, जो हड्डियों के जितने कठोर नहीं हैं, जिन्हें मोड़ सकते है, उन्हें ‘उपास्थि’ कहते हैं, जैसे - कान की अस्थि। शरीर की संधियों में भी उपास्थि उपस्थित रहती है।


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