1. वित्तीय आपात की उद्घोषणा दो मास की समाप्ति पर प्रवर्तन में नहीं रहेगी यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले संसद के दोनों सदनो के संकल्पों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता है। |
2. यदि वित्तीय आपात प्रवर्तन में हो तो, भारत का राष्ट्रपति, संघ के कार्यकलापों के संबंध में सेवा करने वाले सभी या किसी वर्ग के व्यक्तियों के, परंतु जिनके अंतर्गत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश नहीं आते, वेतनों और भत्तों में कमी करने के लिए निदेश देने में सक्षम है। |
A) उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2 दोनों
D) न तो 1 और न ही 2
Correct Answer: A
Solution :
व्याख्या-वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद-360 के तहत भारत या उसके राज्य क्षेत्र के किसी भाग के वित्तीय स्थायित्व या संकट के अवसर पर की जाती है। यह उदघोषणा दो माह की समाप्ति पर, प्रवर्तन में नहीं रहेगी यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले संसद के दोनों सदनों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता है। वित्तीय आपात के दौरान भारतीय संघ के कार्यकलाप के संबंध में सेवा करने वाले सभी व्यक्तियों, जिसमें उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी शामिल हैं, के वेतन और भत्तों में कमी की जा सकती है।You need to login to perform this action.
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