सुची - I | सुची - II | ||
A. | हर की पौड़ी | 1. | उत्तराखंड |
B. | मिन्ड्रो लिंग मठ | 2. | देहरादून |
C. | चिन्मय गनधीश प्रतिमा | 3. | कोल्हापुर |
D. | बावनगजा | 4. | बड़वानी |
A) 2, B- 3, C- 4, D- 1
B) 1, B- 2, C- 3, D- 4
C) 1, B- 2, C- 4, D- 3
D) 2, B- 4, C- 3, D- 1
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - 1 2 3 4 | |
व्याख्या - सही सुमेलन इस प्रकार है - | |
हर की पौड़ी | उत्तराखंड |
मिन्ड्रोलिंग मठ | देहरादून |
चिन्मय गनधीश प्रतिमा | कोल्हापुर |
बावनगजा | बड़वानी |
विशेष - | |
हर की पौड़ी - हर की पौड़ी, भारत के उत्तराखंड राज्य के धार्मिक स्थल हरिद्वार में स्थित है। हर की पौड़ी का भावार्थ है हरी यानी नारायण के चरण। इस प्रतिमा की ऊंचाई 100 फुट है। यहां पर स्नान करना हरिद्वार आए हर श्रद्धालु की सबसे प्रबल इच्छा होती है, क्योंकि यह माना जाता है कि यहां पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। | |
मिन्ड्रो लिंग मठ बुद्ध प्रतिमा - भगवान गौतम बुद्ध की मिन्ड्रोलिंग मठ बुद्ध प्रतिमा उत्तराखंड के देहरादून में स्थित है। मिन्ड्रोलिंग मठ भारत के प्रमुख मठों और तिब्बत में नियंगमा स्कूल के छह प्रमुख मठों में से एक है। इस मठ की ऊंचाई 107 फुट है। | |
चिन्मय गनाधिश प्रतिमा कोल्हापुर-चिन्मय गनाधिश प्रतिमा महाराष्ट्र में कोल्हापुर में स्थित भगवान गणेश की सबसे ऊंची मूर्ति है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 85 फुट है। इस प्रतिमा का अभिषेक 19 नवंबर 2001 को हुआ था। | |
बावनगजा - एक महत्वपूर्ण जैन तीर्थयात्रा केंद्र बावनगजा (चूलगिरी) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में स्थित है । यहां पर 15 वी शताब्दी में निर्मित भगवान आदिनाथ की 72 फीट ऊंची प्रतिमा है। यह बावन हाथ ऊंची होने के कारण इसे बावनगजा भी कहा जाता है। |
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