Super Exam Economics Planning and Economic Development Question Bank सतत आर्थिक विकास एवं संवृद्धि

  • question_answer
    समावेशी संवृद्धि के लिए आवश्यक है-

    A) अधो-संरचनात्मक सुविधाओं का विकास

    B) कृषि का पुनरुद्धार

    C) शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी सामाजिक सेवाओं की अधिकाधिक उपलब्धता

    D) उपरोक्त सभी

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर-उपरोक्त सभी
    व्याख्या-समावेशी विकास से तात्पर्य ऐसे विकास से है जिसमें समाज के सभी वर्गों तक संसाधन एवं सुविधाओं को पहुँचाया जा सके अर्थात जब विकास की प्रक्रिया में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों (जैसे- प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक) देश के सभी अंचल एवं समाज के सभी वर्ग (महिला-पुरुष, गरीब, अमीर सभी जातियाँ एवं संप्रदाय) शामिल हों, तो इस प्रकार के विकास को समावेशी संवृद्धि कहा जाता है। समावेशी संवृद्धि का जब अभाव होता है तो कई प्रभाव देखने को मिलते हैं,
    जो निम्नानुसार है
    1. यदि विकास समावेशी न हो तो संधारणीय भी नहीं बन पाता है और धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था का पतन होने लगता
    2. आय के संतुलित वितरण से धन का संकेन्द्रण कुल व्यक्ति-विशेषों के पास हो जाएगा, जिससे माँग में कमी आएगी और यह GDP में कमी लाएगी। 
    3. गैर-समावेशी विकास से विभिन्न भागों में विषमता बढ़ाएगी और वंचित वर्ग विकास की मुख्य धारा में नहीं आ पाएँगे।
    नोटः वैश्विक सूचकांक आर्थिक और सामाजिक समावेश के मामले में विश्व के शीर्ष 113 शहरों में 3 भारतीय शहरों को स्थान प्राप्त हुआ हैइस सूची में भारत के शहर निम्नानुसार है       
    बंगलुरू   -  8वें स्थान दिल्ली    - 101वाँ स्थान मुम्बई     - 107वाँ स्थान
    समावेशी समृद्धि सूचकांक में शीर्ष स्थान क्रमशः ज्यूरिख, वियना और कोपेनहेगन है।


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