Super Exam Economics Indian Economy / भारतीय अर्थव्यवस्था Question Bank अर्थव्यवस्था का उद्भव एवं परिचय

  • question_answer
    निम्नलिखित कथनों में से कौन साध्से सत्य है/हैं?
    1. बम्बई शेयर बाजार ने देश का पहला पर्यावरण अनुकूल इक्विटी सूचकांक शुरू किया। 
    2. ऑपरेशन ट्विस्ट अमेरिकी केन्द्रीय बैंक Federal Reserve के द्वारा शुरू की गई।
    3. विश्व के अल्पविकसित देशों को तीसरी दुनिया के नाम से जाना जाता है।
    कूटः

    A) केवल 1    

    B)        केवल 2

    C) 1 और 2   

    D)        1, 2 और 3

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर-1 और 2
    व्याख्या-
    · ग्रीनेक्सः देश में हरित निवेश को बढ़ावा देने के लिए बम्बई शेयर बाजार ने देश का पहला पर्यावरण अनुकूल इक्विटी सूचकांक शुरू किया है। बीएसई ग्रीनेक्स नाम के इस सूचकांक का उद्घाटन 22 फरवरी, 2012 को स्टॉक एक्सचेंज में घण्टी बजाकर किया गया था।
    · ऑपरेशन ट्विस्टः दीर्घकालिक ब्याज दरों में कमी लाकर उधारियों में वृद्धि कर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अमरीकी केन्द्रीय बैंक (Federal Reserve) द्वारा सितम्बर 2011 में शुरू की गई पहल को ‘ऑपरेशन ट्विस्ट‘ (Operation Twist) नाम दिया है।
    · चौथी दुनियाः विश्व के अत्यधिक अविकसित देशों (Leat Developed Countries) को चौथी दुनिया कहा जाता है, अफ्रीका एवं एशिया के लगभग सत्तर देश इस श्रेणी में आते हैं, जहाँ औद्योगिक उत्पादन प्रारम्भ ही नहीं हुआ है अथवा बहुत ही निम्न स्तर का है साक्षरता दर बहुत कम है। आधारभूत प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी समुचित रूप से नहीं होती, ये देश विदेशी सहायता एवं ऋण पर सदैव निर्भर रहते हैं, तीसरी दुनिया के देश (Third world countries) वे कहलाते हैं, जो विकासशील (Devloping)हैं अर्थात् जहाँ कुछ विकास चुका हो और विकास प्रक्रिया निरन्तर जारी है।
    · पॉइंट्स ऑफ सेलः ‘पॉइंट्स ऑफ सेल‘ से तात्पर्य ऐसी दुकानों, वाणिज्यिक संस्थानों एवं पेट्रोल पम्पों आदि से है, जहाँ खरीददारी करके बैंक के डेबिट कार्ड को ‘स्वाइप‘ करके भुगतान करने की सुविधा है।
    · ‘पॉइंट्स ऑफ सेल‘ से नकद धन निकासी की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भारतीय रिजर्व बैंक ने मंजूरी वर्ष 2010 में ही प्रदान कर दी थी तथा यह सुविधा उपलब्ध कराना या न कराना बैंकों के ऊपर छोड़ दिया था।
    · पूंजी पर्याप्तता अनुपातः CRAR न्यूनतम पूंजी जिसे एक बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था को अपने पास रखना चाहिए, खासकर तब जब वह किसी व्यापारिक सम्पत्ति का सृजन करती हो, पूँजी पर्याप्तता कहलाती है, जबकि पूंजी पर्याप्तता अनुपात जोखिम भारित सम्पत्तियों के साथ पूंजी का अनुपात प्रदर्शित करता है। (टियर 1+  टियर 2) पूर्व पूंजी पर्याप्तता = जोखिम भारित परिसंपत्ति।
    · अनौपचारिक क्षेत्रकः विकासशील अर्थव्यवस्था में बहुतायत में लोग छोटे-मोटे एवं श्रम प्रधान स्वरोजगार में संलग्न होते हैं। अर्थव्यवस्था के इस क्षेत्रक को ‘अनौपचारिक क्षेत्रक‘ कहते हैं। दर्जी, धोबी, मोटर मैकेनिक आदि इसके उदाहरण हैं!
    · जीरो नेट एडः जब किसी देश विशेष की आर्थिक व्यवस्था स्वनिर्भर हो जाती है तथा उसे किसी विदेशी आर्थिक सहायता की आवश्यकता नहीं होती, तो वह ‘जीरो नेट एड‘ कहलाती है। प्रशासित मूल्यः जब किसी वस्तु के मूल्य का निर्धारण बाजार की माँग व पूर्ति की स्वतंत्र शक्तियों द्वारा न होकर किसी केन्द्रीय शक्ति द्वारा होता , तो इस प्रकार का मूल्य प्रशासित मूल्य कहलाता है। किसी एकाधिकारी फर्म द्वारा एकपक्षीय तरीके से निर्धारित मूल्य या सरकार द्वारा किसी वस्तु का निर्धारित मूल्य आदि प्रशासित मूल्य के उदाहरण हैं।
    · काला बाजारः जमाखोरी द्वारा बाजार में कृत्रिम कमी पैदा करके वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य को काला बाजार कहते हैं।
    · बफर स्टॉकः आपात स्थिति में किसी वस्तु की कमी को पूरा करने के लिए वस्तु का स्टॉक तैयार करना बफर स्टॉक कहलाता है।
    · विनिमय नियंत्रणः यह उस व्यवस्था का नाम है जिसके कोई देश विदेशी मुद्राओं के स्वतंत्र बाजार पर नियंत्रण करके अपनी मुद्रा की विनिमय दर को उस दर से भिन्न रखने का प्रयास करता हैए जो स्वतंत्र बाजार में निर्धारित होती है।
    · अल्पाधिकार बाजारः यदि किसी वस्तु के बाजार में विक्रेता की संख्या बहुत कम (किन्तु दो से अधिक) होती है, जिनके मध्य आपस में कोई समझौता सम्भव हो सकता हो, तो ऐसा बाजार अल्पाधिकार कहलाता है। इस प्रकार के बाजार में वस्तु एकसी भी हो सकती है तथा वस्तु विभेद भी हो सकता है।
    · बूमः अर्थव्यवस्था में बूम की स्थिति उस समय कही जाती है, जब आर्थिक क्रियाओं का तेजी से विस्तार होता है। यह मन्दी अथवा रिसेशन की विपरीत स्थिति है माँग में वृद्धि के परिणामस्वरूप किसी उद्योग विशेष में भी बी बूम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
    · फ्लेटिंग ऑफ करेन्सीः किसी मुद्रा विनिमय दर को स्वतंत्र छोड़ देना, ताकि मांग और पूर्ति की दशाओं के आधार पर यह अपना नया मूल्य स्वयं तय कर सके, फ्लेटिंग ऑफ करेन्सी कहलाता है।


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