सेवा क्षेत्र

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विश्लेषणात्मक अवधारणा

सेवा क्षेत्र के अंतर्गत बैंकिंग परिवहन, बीमा, संचार अर्थात तृतीयक क्षेत्रों को रखा जाता है। तृतीयक क्षेत्र का विकास 20वीं शताब्दी के आरंभ में शुरू हुआ। इसके अन्तर्गत व्यापार, यातायात, संप्रेषण, वित्त, पर्यटन, सत्कार (हॉस्पिटल), संस्कृति, मनोरंजन, लोक प्रशासन, सूचना, न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि आते हैं। सेवा क्षेत्र में ग्राहक से संबंध अधिक महत्वपूर्ण होता है। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का 60% से अधिक योगदान है। भारत समेत विश्व के अधिकता भागों के पर्यटन अर्थिक प्रगति का प्रमुख स्त्रोत माना जाता है। परिवहन मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं

1. सड़क मार्ग परिवहन

2. रेल मार्ग परिवहन

3. जलमार्ग परिवहन

4. वायुमार्ग परिवहन

 

सेवा क्षेत्र

सेवा क्षेत्र अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र होता है जिसमें उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार की सेवायें प्रदान की जाती हैं। वैश्वक वाणिज्यिक सेवा के आयात-निर्यात में भारत का स्थान

·   विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, भारत के वाणिज्यक सेवाओं के निर्यात और आयात में विश्व के शीर्ष 10 देशों में शामिल है।

 

·         वर्ष 2017 में भारत का निर्यात में आठवाँ और आयात में 10 वाँ स्थान था।

·         विश्व के वाणिज्यिक सेवा निर्यात में भारत की हिस्सेदारी पिछले दशक से निरंतर बढ़कर 2017 के 3.5% पर पहुंच गई है।

·         भारत के कुल सेवा क्षेत्र के निर्यात में कम्प्यूटर व आई. सी. टी. सेवाओं व्यापार सेवाओं तथा यात्रा सेवाओं का 75% योगदान है।

·         जबकि कुल सेवा आयात में व्यापार सेवाओं परिवहन एवं यात्रा सेवाओं का लगभग 70% योगदान रहता है। भारत के सेवा क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया जाता है, जैसे- व्यापार, होटल एवं रेस्टोरेंट भंडारण, परिवहन, संचार, वित्त बीमा, रियल, स्टेट, व्यापारिक सेवायें, सामुदायिक सामाजिक एवं व्यक्तिगत सेवायें तथा निर्माण कार्य से संबद्ध सेवायें आदि।

1951 में भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का योगदान लगभग 52% था जो 2018-19 में घटकर लगभग 14.4% हो गया हैए जबकि सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 30% था जो 2018-19 में बढ़कर लगभग 54% हो चुका है।

 

§     सेवा क्षेत्र में भारत का सकल मूल्य संबर्द्धन

·         सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) के अनुमानों के अनुसार सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर 2017-18 के 8.1% से 2018-19 में कम होकर 7.5% पर आ गई। यह गिरावट उप-क्षेत्रों आयात व्यापार होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवाओं में 2018-19 में 6.9% गिरावट आने और लोक प्रशासन एवं रक्षा में 8.6% की गिरावट आने के चलते हुई।

§     भारत में सेवा नियोजन 

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (NSSO) की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक 1000 व्यक्तियों में से 240 व्यक्ति सेवा क्षेत्र में लगे हुये हैं एवं शहरी क्षेत्र में प्रति 1000 व्यक्तियों में 683 व्यक्ति सेवा क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। 

§     सेवा क्षेत्र में रोजगार

भारत में सेवा क्षेत्र के अंतर्गत 34% लोगों को रोजगार प्राप्त है, जबकि सेवा क्षेत्र का जीवीए में योगदान 54% है।

·         विश्व श्रम संगठन (ILO) के अनुसार विश्व शीर्ष 15 देशों में भारत व चीन को छोड़कर अधिकांश देश में कुल रोजगार का 2/3 भाग सेवा क्षेत्र प्रदान करता है।  

§     सेवा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI)

·         सेवा क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 60% से अधिक योगदान देता है।

·         सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 2018-19 में 36.5 प्रतिशत बढ़कर 9.15 अरब डॉलर रहा। 

·         सेवा क्षेत्र में 2018-19 में 6.7 अरब डॉलर का (FDI) आया था।

·         अप्रैल 2000 से मार्च 2019 के दौरान देश में आए कुल एफ.डी.आई. में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत रही।

§     प्रमुख सेवायें 

·         बैंकिंग सेवायें- बैंकिंग क्षेत्र शुरू से ही एक तीव्र वृद्धि वाला सेवा क्षेत्र बना रहा है। 1990 के दशक में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 13% तथा 2004-05 से 2009-10 के दौरान 15% प्रतिवर्ष रही। 

·         मजबूत बैंकिग तंत्र तथा साख की उपलब्धता के कारण बैंकिंग क्षेत्र तीव्र विकास के पथ पर अग्रसर रहा। 2010-11 में बैंकिंग व बीमा क्षेत्र सकल घेरलू उत्पाद के 13.5% का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

पर्यटन, होटल व रेस्टोरेंट

·         भारत का पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 6.23% और भारत के कुल रोजगार में 8.78% योगदान है।  

·         विश्व यात्रा और पयर्टन परिषद के अनुसार, भारत 10 वर्षीय विकास क्षमता के साथ 2009-2018 तक पर्यटन का आकर्षण केद्र बन जायेगा। इसके कार्यबल में अधिकांश हिस्सा महिलाओं का है।  

·         चिकित्सा उपचार के लिए भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु एक नई चिकित्सा वीजा श्रेणी की शुरुआत की गई है।

·         भारतीय पर्यटन उद्योग, होटल उद्योग से जुड़ा हुआ है।

·         होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनायें भी शुरू की गई। जिसमें हेरिटेज होटल योजना महत्वपूर्ण इस योजना का उद्देश्य पुराने महल, हवेलियां किलों आदि का संरक्षण कर उसे होटल व्यवसाय के रूप में उपयोगी बनाना है।

 

राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2002

पर्यटन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा प्रदान करने तथा इस क्षेत्र में वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने हेतु राष्ट्रीय पर्यटन नीति - 2002 लागू की गई जिससे प्रमुख लक्ष्य है

·         पर्यटन को आर्थिक विकास के मुख्य घटक के रूप में स्थापित करना।

·         रोजगार सृजन, आर्थिक विकास और ग्रामीण पर्यटन को नीति प्रदान करने हेतु पर्यटन को गति प्रदान करना।

·         पर्यटन विकास के मुख्य संचालन हेतु घरेलू पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करना।

·         पर्यटन के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के योगदान को महत्वपूर्ण मानते हुए सरकार द्वारा सक्रिय उत्प्रेरक की भूमिका अदा करना। 

·         तेजी से बढ़ते वैश्विक यात्रा तथा गंतव्य के रूप में भारत की व्यापक अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाने के लिए भारत को पर्यटन क्षेत्र के वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करना।

डब्ल्यु. टी. टी.सी (WTTS)- 2019 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भारत विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में 8 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

 

§     अन्य प्रमुख सेवायें

·         आतिथ्य सेवायें

·         मीडिया और मनोरंजन सेवायें (गैर-सरकारी टेलीविजन क्षेत्र, सार्वजनिक सेवा, टीवी प्रसारण, प्रिंट मीडिया, फिल्म, डिजिटल मीडिया, रेडियो सेक्टर)

 

§     अंतरिक्ष सेवायें –

·         सूचकांक (टीटीसी आई) में भारत 2013 में 65 वें स्थान पर था जो वर्ष 2019 में 34 वें स्थान पर आ गया है।

§     आतिथ्य सेवायें

·         पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिसम्बर 2014 में 1116 की अपेक्षा दिसम्बर 2018 में अनुमोदित होटलों की संख्या में 75.71 प्रतिशत आतिथ्य सेवाओं में वृद्धि हुई।

 

§     मीडिया और मनोरंजन सेवायें

मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के अंतर्गत टेलीविजन, प्रिंट, रेडियो, फिल्में संगीत डिजिटल विज्ञापन, ओवर द टॉप, बिजुअल इफेक्ट तथा गेमिंग आते है।

फिक्की -ईवाई मीडिया और मनोरंजन रिपोर्ट 2019 के अनुसार यह उद्योग 2013 में 91,810 करोड़ से 2018 में RS. 1,67,500 करोड़ तक बढ़ गया है। भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग की रिपोर्ट के अनुसार 2016 में भारतीय एनीमेशन उद्योग में 16.5% की वृद्धि हुई, जिसकी 2020 तक 23 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं यदि रेडियो सेक्टर की बात करें तो ऑल इण्डिया रेडियो का प्रसारण 479 जगहों पर होता है, जो देश की जनसंख्या के 99.2% लोगों के कवर करता है। फिल्म उद्योग में फिक्की -ईवाई मीडिया एवं मनोरंजन रिपोर्ट (2019) के अनुसार 2018 में 1776 घरेलू फिल्मों को बनाने के साथ भारत विश्व में फिल्मों का सबसे बड़ा निर्माता हैं। भारतीय फिल्म उद्योग 2018 में 12% की दर से बढ़ा जिसका राजस्व RS. 17,450 करोड़ था। डिजिटल मीडिया के विभिन्न सेगमेंट की बात करें तो फिक्की ईवाई मीडिया एवं मनोरंजन रिपोर्ट (2019) के अनुसार 2018 न में मोबाइल उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या 1.17 बिलियन है। सोशल मीडिया की पहुंच 2015 में 11% की तुलना में 2018 में त बढ़कर 17% हो गई है। यूट्यूब, फेसबुक, वाट्सप और इंस्ट्राग्राम सबसे अधिक सक्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म थे।

 

§     अंतरिक्ष सेवायें

भारत ने अंतरिक्ष परिवहन पोलर उपग्रह प्रक्षेपण व्हीकल (PSLV) भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण व्हीकल (GSLV) तथा भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण व्हीकल मार्क- III (GSLV) के द्वारा विशेष उपलब्धि हासिल की है। भारत अत्यधिक प्रतिष्ठित जटिल क्रायोजेनिक रॉकेट प्रणोदन प्रौद्योगिकी को विकसित करने में विश्व का छठा देश बन गया है। उपग्रह प्रक्षेपण में मार्च 2019 में PSLV ने संचयी रूप से 324 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जिनमें 45 राष्ट्रीय उपग्रह, विश्वविद्यालयों-शैक्षणिक संस्थानों द्वारा निर्मित 10 विद्यार्थी उपग्रह तथा 32 देशों से 269 अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक उपग्रह शामिल थे। PSLV ने एक ही प्रक्षेपण में अधिकतम संख्या के 104 उपग्रह प्रक्षेपित कर इतिहास रच दिया।

§     भारत में सेवा क्षेत्र में तेज संवृद्धि के कारण

जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी हुई है। वैसे ही विशिष्टीकरण का योगदान बढ़ने लगा।

मांग पक्ष में बढ़ोत्तरी के कारण भी सेवा क्षेत्र में तीव्र वृद्धि दर्ज की गई।

उदारीकरण की नीतियों के पश्चात बैंकिंग बीमा, परिवहन एवं संचार आदि क्षेत्रों में निजी क्षेत्रों के प्रवेश से सेवा क्षेत्र के विकास को बहुत उत्साह मिला।

 

§     राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018

सितम्बर 2018 में दूरसंचार विभाग (DOT) ने नई दूरसंचार नीति का मसौदा ‘राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018‘ जारी किया जिसके लक्ष्य निम्न हैं

·         प्रत्येक नागरिक को 50 Mpbs की गति से सार्वभौमिक बॉड बैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।

·         सभी ग्राम पंचायतों को 2020 तक 1 Gbps की कनेक्टीविटी और 2022 तक 10 Gbps की कनेक्टीविटी प्रदान करना।

·         मांग पर सभी शैक्षणिक संस्थानों सहित सभी मुख्य विकास संस्थानों को 100 mbps ब्रॉडबैंड समर्थित करना।

·         50 प्रतिशत घरों तक फिक्सड लाइन ब्रॉडबैंड की पहुंच सुनिश्चित करना।

·         2020 तक यूनिक मोबाइल सब्सक्राइबर घनत्व को 55 तथा 2022 तक 65 तक बढ़ाना।

·         2020 तक 5 मिलियन और 2022 तक 10 मिलियन तक पब्लिक wi-fi हॉटस्पॉट का प्रविस्तार करना।

·         कवर नहीं किये गये सभी क्षेत्रों हेतु कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।

·         डिजिटल संचार क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करना।

·         आई ओ टी इकोसिस्टम का विस्तार 5 बिलियन आपस में जुड़े उपकरणों तक करना।

 

§     सेवा क्षेत्र की चुनौतियाँ

·         भारत में सेवा क्षेत्र से जुड़ी बुनियादी अवसंरचना का अभाव है, जिससे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सेवा पहुंच अभाव है।

·         भारत में सेवा क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देने के बावजूद रोजगार क्षेत्र में जनसंख्या के कम भाग को ही नियोजित करता है।

 


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