विश्व में वन एवं मृदा
विश्लेषणात्मक अवधारणा
प्राकृतिक वनस्पति से तात्पर्य उन पौधों से है जो मानव की सहायता के बिना प्राकृतिक अवस्था में विकसित होते हैं। पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा कहते हैं। कभी-कभी थोड़ी गहरार्इ पर ही चट्टान मिल जाती है। ‘मृदा विज्ञान’ भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है, जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं।
- विषुवतीय क्षेत्रों में सदाबहार वर्षा वन पाए जाते हैं। इन वनों को ‘‘विश्व का फेफड़ा’ कहा जाता है।
- अमेजन नदी घाटी में विषुवतरेखीय उष्णार्द्र वन को सेल्वास कहा जाता है।
- साइबेरिया क्षेत्र में समशीतोष्ण कोणधारी वन को टैगा नाम से जाना जाता है।
- कर्क रेखा के निकट उष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं।
- विषुवत रेखीय वनों को ब्राजील में सेल्वास नाम से जाना जाता है।
- अधिपादप वन विषुवतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- उष्ण कटिबंधीय आर्द्र वनों में प्राणियों और पादपों की जातियों की अधिकता पार्इ जाती है।
- समशीतोष्ण कोणधारी वनों का विस्तार केवल उत्तर गोलार्द्ध में पाया जाता है।
- प्राकृतिक वनस्पति का सबसे विकसित क्षेत्र पतझड़ वन है।
- टैगा वन सबसे अधिक साइबेरिया क्षेत्र में पाये जाते हैं।
- मलेरिया की दवा कुनैन सिनकोना वृक्ष से प्राप्त की जाती है। सिनकोना वृक्ष विषुवतीय वन में पाए जाते हैं।
- सवाना वन को जन्तुओं की दृष्टी से ‘प्राकृतिक प्राणी उद्यान’ कहा जाता है।
- उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन के फैलाव की प्रतिशतता सबसे अधिक है।
- मोन्टेना वन एंडीज पर्वत की पूर्वी ढाल पर पाए जाते हैं।
- शंकुधारी वन को ‘बोरियल वन’ के नाम से भी जाना जाता है।
- विषुवतीय वर्षा वन सबसे अधिक क्षेत्रफल पर है।
- टुंड्रा वनस्पति का सबसे अधिक विस्तार उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है।
- जलोढ़ मिट्टी को दोमट और कछार मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है।
- काली मिट्टी कपास की उपज के लिए महत्वपूर्ण है। ये मिट्टी ज्वालामुखीय चट्टानों और लावा के प्रवाह से बनती है।
- सर्वप्रथम 1879 र्इ. में डोक शैव ने मिट्टी का वर्गीकरण किया और मिट्टी को सामान्य और असामान्य मिट्टी में विभाजित किया।
- पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा कहते हैं।
- क्षेत्रफल के –ष्टिकोण से भारत में सबसे अधिक क्षेत्रफल पर जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है।
- लाल मिट्टी में भी नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस की मात्रा कम होती है। लाल मिट्टी में मौजूद आयरन ऑक्साइड (Feo) के कारण इसका रंग लाल दिखार्इ पड़ता है।